डीएजे 1 जून को एलोपैथ पर रामदेव की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा

डीएजे 1 जून को एलोपैथ पर रामदेव की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा, डॉक्टर्स एसोसिएशन जम्मू (डीएजे) 1 जून को पतंजलि के मालिक योग गुरु रामदेव के COVID योद्धाओं और एलोपैथ चिकित्सा के बारे में “गैर-जिम्मेदाराना बयानों” के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा।

डीएजे ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से रामदेव के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश देने की भी अपील करते हुए कहा है कि कि उन्हें अपने “गैर-जिम्मेदार और घृणित सार्वजनिक बयानों” के परिणामों का सामना करना चाहिए।

डॉक्टर्स एसोसिएशन जम्मू (डीएजे) का कहना है कि COVID महामारी के बीच मरीजों को दी जा रही देखभाल में बाधा डाले बिना विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन के तहत डॉक्टर काली पट्टी बांधेंगे।

बता दें कि इससे पहले फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) इंडिया ने भी घोषणा की है कि वे योग गुरु के बयान के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

ग़ौर तलब है कि “रामदेव एलोपैथ चिकित्सा के ख़िलाफ़ बयान ऐसे समय में आया है कि जब फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स एलोपैथ दवाओं के ज़रिए कोविद से जंग लड़ रहे हैं।

डीएजे के अध्यक्ष डॉ बलविंदर सिंह को बयान में कहा कि रामदेव का इस तरह का गैर-जिम्मेदार और कठोर बयान देना बेहद निंदनीय है।

सिंह का कहना है कि डॉक्टरों के खिलाफ रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी डाक्टरों और उनके बलिदान का मजाक उड़ाते हैं, जबकि ऐसे समय में जब देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था उन्हें कोरोना योद्धा जो अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना संक्रमित मरीज़ों की देख भाल और उनका इलाज कर रहे थे उनका आभार जताना चाहिए था।

भारतीय न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार एसोसिएशन के महासचिव डॉ मनजीत सिंह ने कहा कि इलाज के दिशा-निर्देशों को चुनौती देकर रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है और ये सरकार का काम है कि उन्हें कानून की पूरी ताकत का सामना कराएं. ”

बता दें कि बुधवार को, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से रामदेव के खिलाफ देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत उचित कार्रवाई करने की अपील की थी, जो कथित तौर पर “COVID-19 टीकाकरण पर एक गलत सूचना अभियान का नेतृत्व कर रहे थे”।

IMA ने योग गुरु को एलोपैथी के खिलाफ उनके कथित बयानों और वैज्ञानिक चिकित्सा को “बदनाम” करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा हैं ।
हालांकि, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने आईएमए के इन आरोपों का खंडन किया है कि रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ “अनपढ़” बयान देकर लोगों को गुमराह किया है और वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम किया है।

बता दें कि रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से कड़े शब्दों में पत्र मिलने के बाद अपना बयान वापस ले लिया था, जिन्होंने उनकी टिप्पणी को ‘अनुचित’ बताया था।

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