किसान आंदोलन, संसद तक ट्रैक्टर रैली टली, SKM की बैठक में हुआ फैसला

किसान आंदोलन, संसद तक ट्रैक्टर रैली टली, SKM की बैठक में हुआ फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद किसानों ने संसद तक ट्रैक्टर रैली को टाल दिया है।

किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा को तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद तक होने वाले अपने ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का फैसला लिया है।

किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा क्या होगी इसको लेकर भी 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर बैठक करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवज़ा देने की मांग करते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने की मांग करते हुए बिजली बिल माफी और किसानों पर दर्ज मुकदमे को भी तत्काल वापस लेने की अपील की है।

आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 29 नवंबर का कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया है बल्कि उसे स्थगित किया गया है। अगर प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए पत्र का जवाब नहीं आता है तो संयुक्त किसान मोर्चा देखेगा कि उसे आगे क्या करना है। इसलिए 4 दिसंबर को फिर बैठक होगी।

 

याद रहे कि कल ही केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा था के संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा। कृषि मंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म कर अपने अपने घरों को लौट जाने की अपील की थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान आंदोलन की आगे की दशा और दिशा 4 दिसंबर को तय की जाएगी। सभी किसान संगठन एमएसपी को लेकर एकमत हैं। हमारा संघर्ष जारी है हम देख रहे हैं कि सरकार इस सिलसिले में क्या करती है। हम एमएसपी को लेकर अपना संघर्ष जारी रखेंगे। सरकार को चाहिए कि वह एमएसपी कानून के बारे में अपने नियत साफ करे। हम 4 तारीख की बैठक में फैसला करेंगे कि आगे हमें क्या करना है।

भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा है कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। यह जारी रहेगा। सरकार सदन में कृषि बिल की वापसी की घोषणा करे और एमएसपी कमेटी का ऐलान करे। जब तक संसद के सदन में एमएसपी का ऐलान नहीं होता हम आंदोलन जारी रखेंगे। हम सिर्फ ज़बानी वादों पर आश्वस्त होने वाले नहीं हैं। कृषि मंत्री किसानों को उकसाना बंद कर दे।

किसान संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि अगर प्रधानमंत्री को भेजे गए संयुक्त किसान मोर्चा के पत्र का जवाब नहीं आया तो 4 दिसंबर की बैठक में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।

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