चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले विधेयक का विरोध करेगा विपक्ष

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले विधेयक का विरोध करेगा विपक्ष

सोमवार से संसद के विशेष सत्र का अगाज होने जा रहा है। उससे पहले रविवार को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए लाए जा रहे विधेयक का विरोध किया। विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक को संविधान विरोधी और अलोकतांत्रिक बताया।

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यालय के नियम) विधेयक को अगस्त में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा राज्यसभा में पेश किया गया था। इस विधेयक के अनुसार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता, नेता विपक्ष और केंद्रीय मंत्री, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा, चुनाव आयुक्त का चयन करेंगे।

हालांकि कांग्रेस, टीएमसी, आप और वामपंथी पार्टियां इस विधेयक का खुलकर विरोध कर रही हैं और सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमजोर करने और पलटने का आरोप लगा रही हैं। हालांकि भाजपा का कहना है कि उसने अपने अधिकार के तहत ही यह विधेयक पेश किया है।

इस विधेयक के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों का वेतन और अन्य भत्ते कैबिनेट सचिव के समान होंगे। मौजूदा कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों को सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर वेतन दिया जाता है।

एक अधिकारी ने बताया कि ‘वेतन तो समान यानी ढाई लाख रुपये महीना ही रखा गया है लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्त अब कैबिनेट सचिव के बराबर माने जाएंगे ना कि सुप्रीम कोर्ट जज के बराबर।

इस विधेयक के संसद से पास होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त सर्वोच्च श्रेणी के हिसाब से राज्य मंत्री से भी नीचे होंगे। इस तरह चुनाव आयुक्तों को नौकरशाह के बराबर माना जाएगा और यह चुनाव के दौरान मुश्किल खड़ी कर सकती है।

बता दें कि इस विधेयक में देश के मुख्य न्यायाधीश की जगह केंद्रीय मंत्री को चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। आरोप है कि इस कदम से सरकार का चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर ज्यादा नियंत्रण हो जाएगा।

यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के मार्च में दिए गए उस आदेश के बाद आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और मुख्य न्यायाधीश के एक तीन सदस्यीय पैनल को चुनाव आयुक्त का चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि सरकार द्वारा पेश विधेयक में मुख्य न्यायाधीश की जगह केंद्रीय मंत्री को शामिल कर लिया गया है।

popular post

चिली: राष्ट्रपति चुनाव में अति-दक्षिणपंथी जोस एंटोनियो कास्ट राष्ट्रपति निर्वाचित

चिली: राष्ट्रपति चुनाव में अति-दक्षिणपंथी जोस एंटोनियो कास्ट राष्ट्रपति निर्वाचित चिली के मतदाताओं ने रविवार

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *