ऑक्सीजन पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान पर प्रियंका गांधी का कड़ा प्रहार, NDTV समेत कई ज़मीनी हक़ीक़त को दिखाने वाले ज़िम्मेदार पत्रकारों ने भी Covid-19 से मरने वाले लोगों की तादाद पर सवाल खड़े किए हैं, सरकारी आंकड़े जहां लगभग 3.5 लाख बता रही है वहीं इन रिपोर्टरों के अनुसार सच्चाई कुछ और है।
केवल यही नहीं बल्कि कुछ विदेशी न्यूज़ चैनलों और पत्रकारों ने भी सरकारी आंकड़ों को जनता को गुमराह करने वाला बताया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी लगातर इस मामले को जनता के सामने रख रहे हैं कि सरकार ने Covid-19 महामारी में सरकार और सिस्टम की लचर व्यवस्था और लापरवाही से मरने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा है लेकिन सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए सही आंकड़ों को छुपा रही है।
प्रियंका गांधी ने “ज़िम्मेदार कौन” के साथ लगातार ट्वीट कर के कभी Covid-19 टेस्टिंग, कभी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी, कभी वेंटिलेटर बेड के अभाव, कभी वैक्सीनेशन की सुस्त रफ़्तार और कभी मरने वालों के आंकड़ों को लेकर सरकार से सवाल पूछ कर उन्हें कटघरे में खड़ी कर रही हैं।
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद आज प्रियंका गांधी ने फिर ट्वीट कर के जनता का ध्यान इस मामले की तरफ़ आकर्षित किया, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आंकड़ों और श्मशानों-क़ब्रिस्तानों के आंकड़ों में इतना फ़र्क़ क्यों?
कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आँकड़ों और श्मशानों-कब्रिस्तानों के आँकड़ों में इतना फर्क क्यों?
मोदी सरकार ने आँकड़ों को जागरूकता फैलाने और कोविड वायरस के फैलाव को रोकने का साधन बनाने के बजाय प्रोपागैंडा का साधन क्यों बना दिया? #ZimmedarKaun pic.twitter.com/KQVwhqJFju
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2021
मोदी सरकार ने आंकड़ों को जागरूकता फैलाने और कोविड वायरस के फैलाव को रोकने का साधन बनाने के बजाए प्रोपागैंडा का साधन क्यों बना दिया?
ट्वीट के अंत में ज़िम्मेदार कौन कह कर सरकार द्वारा दिए जाने वाले फ़र्जी आंकड़े होने का भी इशारा किया।
साथ ही एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कुछ मंत्रियों के बयान पर भी कटाक्ष किया, प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि:
PM: “मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी”
CM: “ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, कमी की अफ़वाह फैलाने वालों की संपत्ति ज़ब्त होगी।”
मंत्री: “मरीज़ों को ज़रूरत भर ऑक्सीजन दें, ज़्यादा ऑक्सीजन न दें।”
आगरा अस्पताल: “ऑक्सीजन ख़त्म थी, 22 मरीज़ों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।”
यानी एक तरफ़ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ऑक्सीजन की कमी नहीं होने की बात करते हैं दूसरी तरफ़ BJP के मंत्री ऑक्सीजन कम इस्तेमाल करने का ज्ञान देते हैं और साथ ही हम ने कई अस्पतालों के वीडियो में देखा है किस तरह मरीज़ों को ऑक्सीजन न होने की वजह से भर्ती नहीं किया गया या उन्हें किसी और अस्पताल जाने को कहा गया।
तो ऐसे में आख़िर कैसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और BJP के नेताओं के वादों और बातों पर भरोसा करने का क्या कारण बचता है?!
प्रियंका गांधी ने इस ट्वीट के अंत में भी “ज़िम्मेदार कौन” लिख कर ऑक्सीजन की कमी के लिए BJP के ही ज़िम्मेदार होने की तरफ़ इशारा किया है।