उत्तराखंड में बढ़ता सांप्रदायिक तनाव

उत्तराखंड में बढ़ता सांप्रदायिक तनाव

उत्तराखंड जो अपनी सुंदरता के कारण पर्यटकों की दिलचस्पी का कारण है, वहां की घाटियों की सुंदरता को देखने के लिए केवल भारत से ही नहीं पूरी दुनियां से पर्यटक आते हैं, पिछले कुछ महीनों से अन्य कारणों से चर्चा का बिंदु बना हुआ है। चाहे हल्द्वानी में रेलवे की ज़मीन के नाम पर मकान ख़ाली कराये जाने का मामला हो या बादलों के फटने से होने वाली तबाही का मामला हो, या फिर ज़मीन धंसने का मामला हो।

लेकिन इन दिनों वह सांप्रदायिक तनाव के कारण चर्चा में है। विशेष रूप से उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला। उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला पिछले कुछ दिनों से सांप्रदायिक तनाव को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। माहौल इतना खराब हो गया है कि एक विशेष वर्ग के लोगों को रातों-रात अपना कारोबार बंद करना पड़ रहा है। अब तक कई मुस्लिम व्यापारी जिले के प्रोला क्षेत्र को छोड़ चुके हैं।

हालांकि पुलिस प्रशासन इस तरह के किसी भी तनाव और विस्थापन की बात से इंकार कर रहा है। रविवार को करीब 42 साल से प्रोला में कपड़े का कारोबार कर रहे शकील एंड संस के एक कारोबारी को भी अपनी दुकान खाली करनी पड़ी। लगातार बिगड़ते माहौल और विरोध को देखते हुए उन्होंने देहरादून शिफ्ट होने का फैसला किया है।

प्रोला में कपड़े की दुकान चलाने वाले सलीम ने बताया कि उनके पिता शकील 42 साल पहले प्रोला आए थे। इससे पहले उनके पिता का कपड़े का कारोबार था। करीब 15 साल पहले उन्होंने अपनी पूरी मेहनत से प्रोला में कपड़े की दुकान खोली थी, लेकिन अब हालात बिगड़ने के कारण वह देहरादून शिफ्ट हो रहे हैं।

उन्होंने जल्द ही दुकान का सामान लेकर जाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि किरणपुर में उनको दुकान मिली है। जहां उनके भाई की पहले से मेडिकल की दुकान है। उन्हें नई दुकान मिल गई है। प्रोला से अब तक 8 बाहरी व्यापारी अपनी दुकान छोड़ चुके हैं, जबकि यमुना घाटी में अपनी दुकान छोड़ने वालों की संख्या अब बढ़कर 12 हो गई है।

दरअसल, 26 मई को उत्तरकाशी जिले के प्रोला में मुस्लिम युवक उबैद और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को एक नाबालिग लड़की के साथ स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। उन पर नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश करने का आरोप था।स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। यूपी के नजीबाबाद के रहने वाले दोनों युवक प्रोला में रजाई और गद्दे की दुकान पर काम करते थे। इस घटना के बाद से कथित लव जिहाद को लेकर उत्तरकाशी जिले में मुस्लिम कारोबारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।

आराकोट में दो नाबालिग बहनों के साथ एक मुस्लिम युवक को भी लोगों ने रंगे हाथों पकड़ा। उसके बाद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से एक और मामला सामने आया। जहां बस स्टैंड पर नेपाली मूल की एक विवाहिता को व्यापारियों ने एक मुस्लिम युवक के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया, जिसे व्यापारियों ने पुलिस को सौंप दिया।

पुलिस ने बिजनौर निवासी कासिम मलिक और विवाहिता से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि दोनों से फोन पर संपर्क किया गया था। युवक विवाहिता से मिलने कुंडीसुर से उत्तरकाशी पहुंचा था। मुस्लिम युवक मैकेनिक का काम करता है, इसकी पुष्टि भी नहीं हुई थी। मामले की जानकारी मिलने पर नगर व्यापारी मंडल के अधिकारी देर रात कोतवाली पहुंचे। उन्होंने युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की।

प्रोला में हुए इस साम्प्रदायिक तनाव की आंच से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी नहीं बच सके। उत्तरकाशी जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद भी बुधवार को परिवार सहित पोरला से रवाना हो गए। यहां वह कपड़े की दुकान चलाते थे। जाहिद ने कहा कि वह 25 साल से यहां रह रहे हैं और तीन साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे।

इसी साल फरवरी में उन्हें जिले के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रभार दिया गया था। इससे पहले भी वह पार्टी में कई पदों पर रह चुके हैं। इसके अलावा बीजेपी के कुछ और कार्यकर्ता प्रोला छोड़ गए हैं। यहां रहने वाले मुस्लिम व्यापारियों ने कहा कि जब सत्ता पक्ष के नेता खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं तो वह यहां कैसे रह सकते हैं। अगर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होगा तो आम लोगों का क्या होगा?

इस बीच सीओ सुरेंद्र भंडारी यमुनाघाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शांति समिति की बैठक कर लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं। नौगांव चौकी में हुई बैठक में सीओ भंडारी ने स्थानीय व्यापार मंडल से अपील की और सभी वर्ग के लोगों को आपसी सौहार्द, भाईचारा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

सीओ ने बताया कि जिले में रह रहे उन लोगों का पुलिस लगातार सत्यापन कर रही है जो प्रांतों के बाहर से आए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य में जमीन और लव जिहाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लव जिहाद में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल्द ही कॉमन सिविल कोड लागू किया जाएगा।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।

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