इन दिनों एंटीलिया केस को लेकर मीडिया बहुत उत्साह दिखा रहा है बंगाल (WEST BENGAL) में बीजेपी (BJP) के चुनाव लड़ने की खबरो के बाद यह टीवी पर दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा है, सुबह- शाम एंकर्स इस मुद्दे को लेकर बैठ जाते हैं बीजेपी के नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस लाइव दिखाई जाती है इस केस का रोज फॉलोअप लिया जाता है लेकिन इन खबरिया चैनलो पर आपने शायद ही सात बार के आदिवासी सांसद मोहन डेलकर (Mohanbhai Sanjibhai Delkar) की आत्महत्या के केस की तफ्तीश के बारे में सुना हो !… न सिर्फ खबरिया चैनलों पर ही नही बल्कि हिंदी अखबारों में भी मोहन डेलकर सुसाइड केस के बारे में कोई खबर नही है
दो दिन पहले दादरा नगर हवेली के सिलवासा में इस केस में पुलिस जाँच में बरती जा रही लेट लतीफी के खिलाफ सिलवासा की जनता ने स्वस्फूर्त बन्द रखा ओर रैली भी निकाली गई… कल वहाँ पर एक बहुत सभा का आयोजन किया गया जबकि प्रशासन ने वहाँ पर भी कोरोना केसेस में बढ़ोतरी होने का बहाना बनाकर धारा 144 लगा दी है क्षेत्र में रैली, प्रदर्शन, बैनर, कैंडल मार्च, सभा आदि पर प्रतिबंध घोषित कर दिया गया था इसके बावजूद लोग बड़ी संख्या।में अपने प्रिय नेता को इंसाफ दिलाने के लिए सामने आए
इस सभा को संबोधित करते हुए डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने कहा कि अपने पिता के लिए सड़कों पर उतर कर न्याय मांगने के लिए विरोध प्रदर्शन करने का समय आ गया है। “पिछले एक महीने से, हमने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जारी रखा है। मैं कहना चाहता था कि अब, कोई शांतिपूर्ण कैंडल मार्च नहीं निकाला जाएगा। अब लड़ाई शुरू हो गई है और हमें आगे बढ़ना है। अभिनव ने कहा कि एफआईआर में नामित सरकारी अधिकारियों को अपना सामान पैक करना चाहिए और दादरा नगर हवेली को छोड़ देना चाहिए।
सांसद मोहन डेलकर द्वारा ऑफिशियल लेटर हेड पर लिखित 15 पन्नों के “सुसाइड नोट” और दिवंगत सांसद के बेटे अभिनव द्वारा प्रस्तुत एक शिकायत के आधार पर, मुंबई पुलिस ने 9 मार्च को नौ लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था, जिनमें प्रफुल्ल पटेल प्रशासक DNH ( गुजरात के पूर्व गृहमंत्री ), संदीप सिंह (जिला कलेक्टर DNH ), शरद दराडे (DNH के पूर्व पुलिस अधीक्षक,) अपूर्वा शर्मा (डीएनएच के डिप्टी कलेक्टर), मनसवी जैन (उप-विभागीय अधिकारी, पुलिस विभाग), मनोज पटेल (पुलिस) निरीक्षक सिलवासा), रोहित यादव (डीएनएच प्रशासनिक विभाग के अधिकारी), फतसिंह चौहान (भाजपा नेता, डीएनएच),
जैसे नाम शामिल हैं
अपनी शिकायत में, अभिनव ने यह भी बड़ा आरोप लगाया कि प्रशासक पटेल ने सांसद डेलकर को झूठे केस की धमकी दी, 25 करोड़ रुपये की मांग की थी प्रशासन और उसके विभिन्न अधिकारी मेरे पिता के खिलाफ निराधार और झूठी शिकायतें दर्ज करते रहेंगे।
पुलिस ने सांसद डेलकर को बहुत परेशान किया तत्कालीन एसपी दराडे और पुलिस इंस्पेक्टर मनोज पटेल ने एक पुराने मामले (137/2003) को फिर से खोल दिया और लगातार उसे पूछताछ के लिए बुला रहे थे।
अभिनव ने कहा कि डेल्कर ने 18 दिसंबर, 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी को, 18 दिसंबर 2020 को गृह मंत्री अमित शाह को, 12 जनवरी 2021 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को और एक संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख भूपेंद्र यादव को 13 जनवरी 2021 को शिकायतें लिखी थीं। लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
आप जो यहाँ तथ्य पढ़ रहे हैं ये सारी खबरे अंग्रेजी अखबारों में छपी है वह भी बेहद छिटपुट तौर पर…इसके बनिस्बत आप देखिए कि एंटीलिया केस से जुड़ी अपडेट आपके पास यह पल पल पुहंच रही है… एक महीना होने को आया है इतने स्पष्ट सुबूत होने के बावजूद मोदी के विश्वासपात्र रहे प्रफुल्ल पटेल के ऊपर कोई कार्यवाही अब तक नही हुई है
गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से
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