‘हुक्मरा हो गए कमीने लोग’……

‘हुक्मरा हो गए कमीने लोग’……

‘हुक्मरा हो गए कमीने लोग’……यह हबीब जालिब ने लिखा था, और आप जो नीचे तस्वीर देख रहे हैं यह चुनावी पोस्टर, कोरोना की पहली लहर के ठीक बाद हुए बिहार विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर लगे थे,

कल प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में बयान दिया है कि ‘कांग्रेस ने तो हद कर दी। पहली लहर के दौरान जब देश लॉकडाउन का पालन कर रहा था और दुनिया कह रही थी कि जो जहां है वहीं रुकें। तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे शहर से निकलें। लोगों को प्रेरित किया गया कि महाराष्ट्र में हमारे ऊपर जो बोझ है, वह थोड़ा कम हो। आप जहां के भी हैं, वहां जाकर कोरोना फैलाओ। ……..इसी का कारण है कि कोरोना यूपी बिहार में काफी तेजी से फैला।…….

यानी चुनाव में वोट लेना था तो लॉकडाउन में श्रमिको को हमने बिहार पुहचाया, पर जब चुनाव खत्म हो गया और सरकार बन गई तो श्रमिकों को कांग्रेस ने अपने घर पंहुचा कर वहा भी कोरोना फैलाया !……….

है न कमाल की बात ! , इसलिए ही सुबह सुबह हमे हबीब जालिब याद आते हैं लेकिन सिर्फ एक यही बात नही हैं कल जब प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे उसके कुछ घण्टे पहले सरकार ने राज्यसभा में कहा कि दूसरी कोविड लहर के चरम के दौरान गंगा में तैरते हुए शवों की संख्या के उन्हें कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। था। जबकि पिछले साल मई-जून में पवित्र गंगा में तैरते हुए शवों की भयावह तस्वीरें सामने आईं थीं। माना जाता है कि ये शव कोरोना के मरे लोगों के थे। इन भयावह तस्वीरों ने भारत और यहां तक कि दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे “गंभीर समस्या” कहा था और संबंधित सरकारों को फटकार भी लगाई थी। लेकिन अब सरकार कह रही हैं हमे कोई जानकारी ही नहीं है,

ठीक यही जवाब उसने ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों के बारे में पूछे जाने पर भी दिया था कि कोरोना में आक्सीजन की कमी से कोई मौत नही हुई !

चलिए इसे भी छोड़ दीजिए…..वापस लॉक डाउन पर आते हैं मंगलवार, 24 मार्च 2020 को शाम आठ बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज रात 12 बजे से संपूर्ण देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है. हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए, आपको बचाने के लिए, आपके परिवार को बचाने के लिए, आज रात 12 बजे से, घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है.”

24 मार्च से लेकर 29 मार्च तक जब देश के हर टीवी चैनल से लेकर सोशल मीडिया पर प्रवासी मजदूरों के पलायन का मुद्दा छाया हुआ था तब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल्स से इस मुद्दे पर एक भी ट्वीट नहीं किया. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन पाँच दिनों में पीएम केयर्स फंड में दान दे रही हस्तियों का धन्यवाद ज़रूर किया.
कई दिनों बाद जब पुरी दुनियां में भारत में लॉक डाउन के दौरान हुए श्रमिको के पलायन की तस्वीरे वायरल हुई तो अपने मन की बात कार्यक्रम में लॉकडाउन की वजह से लोगों को हो रही परेशानी के लिए मोदी ने माफ़ी मांगी.
उन्होंने कहा, “मैं सभी देशवासियों से दिल से माफ़ी मांगता हूं. मुझे लगता है कि आप मुझे माफ़ कर देंगे.”
उन्होंने कहा, “चूंकि कुछ फ़ैसले लेने पड़े जिससे आपके सामने तमाम मुश्किलें आ पड़ी हैं. जब मेरे ग़रीब भाइयों और बहनों की बात आती है तो वे सोचते होंगे कि उन्हें कैसा पीएम मिला है, जिसने उन्हें मुश्किलों में झोंक दिया है. मैं दिल की गहराई से उनसे माफ़ी मांगता हूं.”

और आज आप प्रधानमन्त्री के तेवर देखिए केसे बेशर्मी के साथ वह विपक्ष पर इल्जाम लगा रहे हैं !……..

गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है

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