मुगलों ने मंदिरों की रक्षा भी की और दान भी दिया

मुगलों ने मंदिरों की रक्षा भी की और दान भी दिया

इतिहासकार और शोध विद्वान डॉ. अपराजिता दास, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स ने खुदा बख्श पुस्तकालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुगलों ने अपने शासन के दौरान भारत को एक विश्व स्तरीय देश बनाया था। कश्मीर ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, बहुसंख्यक हिंदू थे, उनके धार्मिक स्थलों को सम्मान और पवित्रता के साथ देखा जाता था।

राजा अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान मंदिरों को बहुत दान दिया, वृंदावन और मथुरा के मंदिर इस बात के प्रमाण हैं। राजा जहांगीर और शाहजहां ने इस परंपरा को और आगे बढ़ाया, शाहजहाँ ने जैन मंदिरों को दान भी दिया, राजा मान सिंह एक विष्णु भक्त थे, उन्होंने मंदिरों में क्षेत्रीय कला को बढ़ावा दिया और औरंगजेब ने अलोरा के मंदिर की रक्षा की।

डॉ अपराजिता दास ने कहा कि सहिष्णुता हमारे खमीर में रही है जिसका प्रमाण भारत का संविधान है जिसमें देश की और सरकार की सफलता छिपी हुई है। मंदिरों को जमीन देना या दान देना कोई नई या असामान्य बात नहीं थी। आज जो लोग मुगलों से यह सवाल करते हैं कि मंदिरों को मुगलों ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया, वे पूरी तरह से गलत हैं, उन्हें इतिहास नहीं पता, मुगलों ने इसे नहीं तोड़ाबल्कि मंदिरों का निर्माण किया गया है।

आपको बता दें कि मुगलों ने न केवल मंदिर बल्कि मस्जिदों को भी मजबूरी में शहीद किया है। इन नकारात्मक बातों को फैलाना सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है। हमें सही इतिहास पता होना चाहिए। कार्यक्रम का परिचय देते हुए खुदा बक्श पुस्तकालय की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने कहा कि खुदा बख्श पुस्तकालय ने भारतीय इतिहास पर महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनके अध्ययन से इतिहास के छिपे हुए राज़ों का पता चलता है। मुगलों ने मंदिरों की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आज प्रचार के माध्यम से मुगलों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

इस अवसर पर डॉ अपराजिता दास ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हमारा ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने कई महत्वपूर्ण प्रश्न भी पूछे जिनका उत्तर अतिथि डॉ.अपराजिता दास ने दिया।

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