जो बाइडेन के सामने है “मिडिल ईस्ट” की परीक्षा

डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद जो बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है शपथ लेने के साथ साथ अमेरिका के नए राष्टपति को कुछ परीक्षाएं भी देना है वो परीक्षा मिडिल ईस्ट की है

ट्रम्प ने अपने चार साल के कार्यकाल में सख्त नीतियां अपनाते हुए मिडिल ईस्ट में ईरान को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन खुद अमेरिका का कहना है कि वो अपनी इस नीतियों में फेल हो गए

बता दें कि बाइडेन की टीम में ओबामा प्रशासन के पुराने लोग शामिल हैं जो उस मिडिल ईस्ट को नए नियमों के साथ पुराने मुद्दों को फिर से देखेंगे.

राष्टपति जो बाइडेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि वो ईरान, सऊदी अरब और यमन को कैसे संभालते हैं क्योंकि अगर बाइडेन ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में वापस जाते है तो इससे सऊदी अरब के नाराज़ होने की उम्मीदें ज़्यादा हैं और अगर वो इस समझौते में वापस नहीं आते है तो ईरान अपने कार्यक्रम को बढ़ा लेगा जो अमेरिका नहीं चाहता है

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