अमेरिका ईरान संबंधों पर हिज़्बुल्लाह का बड़ा बयान, तेहरान से डरता है वाशिंगटन
हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह ने मंगलवार शाम अल-आलम नेटवर्क के साथ एक विशेष इंटरव्यू में लेबनान और क्षेत्र के नवीनतम आंतरिक मुद्दों पर चर्चा की।
अमेरिका और ईरान के संबंधों पर बात करते हुए इस इंटरव्यू के शुरुआत में, हसन नसरुल्लाह ने ईरान में इमाम खुमैनी के ऐतिहासिक आगमन के बारे में बात की और कहा: “इमाम खुमैनी का निर्वासन से तेहरान हवाई अड्डे तक आगमन, ईश्वर के दिनों के सबसे सुंदर उदाहरणों में से एक था। आज, ईरान का इस्लामी गणराज्य पुरी दुनिया और इस्लामी देशों के लिये स्वतंत्रता का एक रॉल मॉडल है।
हिज़्बुल्लाह महासचिव ने जोर देकर कहा कि इस्लामी गणतंत्र जन क्रांति का परिणाम है। कुछ देश ऐसे हैं जो स्वतंत्रता का दावा करते हैं, लेकिन अन्य देशों के दूतावासों के अधीन हैं लेकिन, ईरान वास्तव में स्वतंत्रत देश है ।
उन्होन कहा कि कई अन्य देशों को इस्लामी कहा जाता है और उनके लोग मुसलमान हैं, लेकिन असलियत यह है कि वह सिर्फ नाम के मुसलमान हैं । हसन नसरुल्लाह ने आगे कहा कुछ लोग कहते हैं कि ईरान से अमेरिका की दुश्मनी का मुख्य कारण ईरान का फिलिस्तीन को समर्थन है करना; यह भी एक कारण है, लेकिन मुख्य कारण यह है कि ईरान एक स्वतंत्र देश है जो अमेरिका के नियंत्रण में नहीं रहना चाहता है।
उन्होंने कहा कि मैंने ट्रंप के दौर में भी कहा था कि अमेरिका की प्राथमिकता ईरान के साथ युद्ध नहीं है। “अमेरिका बातचीत के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चहता है, और यदि नहीं, तो प्रतिबंधों के माध्यम से दबाव बढ़ा कर।
हसन नसरुल्लाह ने इस्राईल की बात करते हुए कहा की हम भी इस्राईल की धमकी को गंभीरता से लेते हैं। हिजबुल्लाह के खिलाफ इस्राईल की धमकियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब ज़ायोनी शासन कहता है कि हम हिज़्बुल्लाह की मिसाइलों को नष्ट करना चाहते हैं, तो उसको इस कार्य के लिए एक पूर्ण युद्ध की आवश्यकता है।