नाटो में स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता प्रक्रिया पर किए गए हस्ताक्षर
ऐसी स्थिति में जहां पश्चिमी देशों और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव अभी भी चर्चा में है दो नए देशों को नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल करने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
फ़्रांस मीडिया सूत्रों ने पश्चिमी सैन्य गठबंधन के मुख्यालय में नाटो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नाटो को स्वीडन और फ़िनलैंड के सदस्यता प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने की सूचना दी। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने घोषणा की कि इस गठबंधन के लिए स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता को मंजूरी देने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
इस खबर को प्रकाशित करते हुए एएफपी ने दावा किया कि इस कार्रवाई से रूस के रणनीतिक अलगाव में फरवरी के बाद अपने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण और वहां सैन्य संघर्ष में वृद्धि होगी। नाटो ने पहले एक बयान प्रकाशित किया था जिसमें इस सैन्य गठबंधन में स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता के लिए वार्ता पूरी होने की व्याख्या की गई थी।
नाटो की पिछली घोषणा के अनुसार ये वार्ता कल सोमवार को दोनों देशों के उच्च पदस्थ अधिकारियों और ब्रसेल्स में संगठन के मुख्यालय में नाटो के वरिष्ठ प्रतिनिधि की उपस्थिति के साथ हुई थी। आज मंगलवार स्वीडन और फ़िनलैंड के नाटो में सदस्यता प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए और इस सैन्य गठबंधन में उनके प्रवेश को सभी नाटो सदस्य देशों को भेजा जाएगा और अंत में उनके आंतरिक कानूनों के अनुसार अनुमोदित किया जाएगा।
स्वीडन और फिनलैंड के शामिल होने पर पहले तुर्की ने आपत्ति जताई थी लेकिन बाद में अमेरिका के दबाव में उसने यू-टर्न ले लिया। इसके साथ ही नाटो गठबंधन में स्वीडन और फिनलैंड के शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। यह पिछले एक दशक में नाटो गठबंधन का सबसे बड़ा विस्तार होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो को छेड़कर बैठे-बिठाए बड़ी दुश्मनी मोल ले ली है। अब रूस के दो अन्य पड़ोसी जो अब तक तटस्थ थे वो भी उसके दुश्मन गठबंधन का सदस्य बन जाएंगे।
स्वीडन और फ़िनलैंड नाटो सदस्यता को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।