भारत-ऑस्ट्रेलिया में हुआ व्यापार समझौता, नौकरियां मिलने की उम्मीद

भारत-ऑस्ट्रेलिया में हुआ व्यापार समझौता, 10 लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके समकक्ष ऑस्ट्रेलियाई व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन तेहान ने हस्ताक्षर किए।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि अगले 4 से 5 सालों में भारत में 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ नए व्यापार समझौते से अगले 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 27 अरब डॉलर से करीब 45-50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही सरकार को उम्मीद है कि अगले 4 से 5 वर्षों में भारत में 10 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके समकक्ष ऑस्ट्रेलियाई व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन तेहान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन की उपस्थिति में एक वर्चुअल समारोह में हस्ताक्षर किए।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि यह भारत का पहला समझौता है जो एक दशक में एक बड़े विकसित देश के साथ किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि विकसित देशों के साथ भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर पाएगा। ये एक ऐसा देश है जहां के लोगों के साथ भारत के बहुत अच्छे संबंध हैं हम दोनों एक-दूसरे की मदद करते हैं।

गोयल ने कहा कि हम अगले 4 से 5 सालों में भारत में 10 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद करते हैं। हमने द्विपक्षीय संबंधों के दायरे का विस्तार किया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को कई क्षेत्रों में सेवाओं तक पहुंच की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय रसोइयों और योग प्रशिक्षकों के लिए कई नए अवसर खुलेंगे। ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हमारे युवा लड़कों और लड़कियों के लिए शिक्षा के बाद के कार्य वीजा भी इस समझौते का हिस्सा हैं। गोयल ने बताया कि एक लाख से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं और उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के संबंध में जानकारी भी साझा की।

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में एक लाख से अधिक भारतीय छात्र रह रहे हैं और पढ़ रहे हैं। हम पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य और अवकाश वीजा व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं। भारतीय छात्रों के लिए, विशेष रूप से एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) स्नातक के लिए, दो से चार साल के बीच का अध्ययन के बाद कार्य वीजा उपलब्ध होगा।

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