ज़ेलेन्स्की ने पॉप फ्रांसिस से लगाई गुहार, अकाल की आशंका जताई
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए 26 दिन गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक पश्चिमी देशों की सहायता से यूक्रेन रूस के आगे डटा हुआ है। रूस के हमलों से बचने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका से लेकर पश्चिमी जगत और नाटो तक से सहायता की गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनके तमाम अनुमानों के विपरीत यूक्रेन की सहायता के लिए ना तो नाटो खुलकर सामने आया है न ही अमेरिका और यूरोपीय देश।
अमेरिका , नाटो और यूरोपीय देशों ने रूस के साथ सैन्य संघर्ष में भागीदारी को लेकर साफ इनकार कर दिया है। अलबत्ता अमेरिका और यूरोप के देश इस युद्ध को लंबा खींचने के लिए यूक्रेन को हथियार जरूर उपलब्ध करा रहे हैं। युद्ध से बर्बाद हो रहे यूक्रेन से भारी संख्या में लोगों का पलायन जारी है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय का अनुमान के अनुसार यूक्रेन से 40 लाख शरणार्थी निकल सकते हैं। बढ़ते संकट को देखते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पोप फ्रांसिस से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि वह रूस के साथ संघर्ष में मध्यस्था करें ताकि मानव त्रासदी को कम किया जा सके।
वहीँ यूक्रेन में अमेरिकी दूतावास ने रूस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रूसी सेना ने दोनेत्स्क और लुहांस्क में 2389 बच्चों का अपहरण किया है। इससे पहले यूक्रेन भी रूस पर बच्चों के अपहरण का आरोप लगा चुका है।
बता दें कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। दोनों देशों के बीच युद्ध को 26 दिन हो चुके हैं। रूस अभी भी पहले दिन की ही तरह आक्रमक कार्रवाई करते हुए यूक्रेन को घुटनों पर लाने की मुहिम में लगा हुआ है, वहीं पश्चिमी जगत और अमेरिकी सहायता के दम पर यूक्रेन अभी तक रूस के हमलों के आगे टिका हुआ है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति चेतावनी दी है कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध इसी तरह जारी रहा तो अन्य देशों में अकाल पड़ सकता है। रूस ने यूक्रेन से वार्ता को लेकर कहा है कि हम चाहते हैं कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने के लिए कीव के साथ बातचीत ठोस होनी चाहिए।
रूस यूक्रेन युद्ध पर एक बार फिर अमेरिका ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा है कि रूस यूक्रेन में जैविक और रासायनिक हथियार इस्तेमाल कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि यूक्रेन के पास जैविक और रासायनिक हथियार है। यह इस बात के स्पष्ट है संकेत है कि रूस जैविक और रासायनिक हथियारों का उपयोग करने पर विचार कर रहा है।