यूक्रेन, युद्ध की आग भड़केगी या होगी शांति, यह सप्ताह करेगा तय
यूक्रेन विवाद पर अमेरिका की लगातार बयानबाजी और यूरोपीय देशों के दांवपेंच के बीच रूस के रूख से अनिश्चितता के बादल और गहरा दिए हैं।
यूक्रेन का क्या होगा ? क्या रूस यूक्रेन पर हमला कर देगा ? क्या एक बार फिर यूरोप में युद्ध की आग भड़केगी या शांति स्थापना होगी इसे लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। रूस यूक्रेन संकट उस स्थान पर पहुंच चुका है जहां यूरोप की स्थिरता एवं पूर्व-पश्चिम के संबंधों का भविष्य अनिश्चित है।
रूस यूक्रेन संकट के लिए आने वाला 1 सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इस सप्ताह के घटनाक्रम तय करेंगे कि रूस यूक्रेन संकट शांतिपूर्ण तरीके से हल होगा या यूरोप को एक और युद्ध की आग में जलना होगा। जॉर्जिया में अमेरिका के राजदूत रहे इयान केली के अनुसार अगले 10 दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की ओर से शुक्रवार को ही कहा गया था कि रूस यूक्रेन पर किसी भी समय हमला कर सकता है। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने आशंका जताई थी कि संभवत रूस बुधवार को यूक्रेन पर हमला बोल देगा।
यूक्रेन की राजधानी कीव से अमेरिका ने लगभग अपने सभी दूतावास कर्मियों को वापस बुला लिया है। वहीँ शनिवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बाइडन के बीच हुई टेलीफोन वार्ता का भी कोई नतीजा सामने नहीं आया और यूक्रेन संकट जस का तस बना हुआ है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से रविवार को बातचीत की है।
रूस और अमेरिका यूरोपीय व्यवस्था के भविष्य के आकार को लेकर अपने हितों के संघर्ष के चरम बिंदु की ओर बढ़ रहे हैं। मास्को में हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में सेंटर फॉर यूरोपियन रिसर्च के प्रमुख बोर्दाचेव के अनुसार अमेरिका और नाटो ने रूस की सुरक्षा मांगों को ठुकरा दिया है जिसका रूस की ओर से औपचारिक रूप से जवाब दिया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के खत्म होने तक रूस कोई युद्ध नहीं चाहता। बेलारूस के साथ सैन्य अभ्यास कर रहे रूस ने यूक्रेन सीमा के निकट लाखों सैनिकों को तैनात कर रखा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इन सैनिकों को हटाने की मांग करते हुए रूस को चेतावनी दी है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ मजबूती से जवाब देगा और रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
वहीँ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को दो टूक कहा है कि वह यूक्रेन को नाटो से दूर रखने की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। बोर्दाचेव के अनुसार अमेरिका और नाटो द्वारा रूस की मांगों की अनदेखी के कारण संघर्ष का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मास्को और चीन की नजदीकी के कारण रूस की स्थिति मजबूत है।