यूक्रेन, युद्ध से बच भी गए तो भूख और बदहाली मार डालेगी
यूक्रेन में हर तरह का लेन-देन डिजिटल माध्यम से होता है लेकिन आज हालात इतने बुरे हो गए हैं कि एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। लोगों को कैश निकालने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा रहा है।
यूक्रेन के निप्रो शहर में सुबह 6:00 बजे ही एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है। यह वही देश है जहां हर तरह का लेन-देन डिजिटल माध्यम से होता रहा है लेकिन अब रूस और यूक्रेन के बीच चिड़े संघर्ष के बाद, बात केवल बम, गोला-बारूद और मिसाइल हमलों तक ही सीमित नहीं है, रूस ने यूक्रेन के बैंकिंग सिस्टम की भी कमर तोड़ कर रख दी है।
रूस के साइबर हमलों के बाद यूक्रेन में किसी भी प्रकार का डिजिटल पेमेंट नहीं हो रहा है। कहा तो यह जा रहा है कि एटीएम खाली होने के बाद यूक्रेन की जनता बैंकों में जमा अपने पैसे भी नहीं निकाल पाएगी। निप्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे एक छात्र का कहना है कि यहां के लोगों के हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं।
सुबह सवेरे ही रूस की ओर से मिसाइल हमले शुरू हो गए थे। दुनिया भले ही यह जानती हो कि यूक्रेन के 11 शहर रूस के हमलों के निशाने पर है लेकिन सच्चाई यह है कि इस समय यूक्रेन के हर शहर में धमाके हो रहे हैं। रूस की सेना यूक्रेन के हर क्षेत्र में पहुंच चुकी है। जैसे हालात बन रहे हैं उसे देखते हुए लग रहा है कि बहुत जल्द यहां गैस की सप्लाई बंद कर दी जाएगी और अगर ऐसा होता है तो लोग भूख से मर जाएंगे।
यूक्रेन के सभी एयरपोर्ट पर रूस का कब्जा है। यूक्रेन में कम से कम अट्ठारह हजार छात्र एमबीबीएस कर रहे हैं। यह सब अपने घरों को जाना चाहते हैं, लेकिन जो भी एयरपोर्ट पहुंच रहा है उसे वापस कर दिया जा रहा है। एयरलाइन ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं। जो टिकट पहले 25000₹ में मिलता था अब उसके लिए एक से डेढ़ लाख रुपया तक चुकाने पड़ रहे हैं। खेद की बात यह है कि उसके बाद भी फ्लाइट जाएगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।
यूक्रेन संकट के समय से ही किसी को भी इस बात का अहसास नहीं था कि रूस इतने व्यापक स्तर पर हमला करते हुए यूक्रेन के हर एक शहर को निशाना बनाएगा। सबको यही लग रहा था कि रूस दोनेत्स्क और लुहांस्क तक ही सैन्य कार्रवाई करेगा लेकिन रूसी सेना ने सुबह से ही कीव एयरपोर्ट को अपने नियंत्रण में ले लिया।
कहा जा रहा था कि वेस्ट यूक्रेन अभी काफी सुरक्षित है लेकिन यह बात भी सही नहीं है। वेस्टर्न यूक्रेन से लबीब शहर में बेलारूस की सेना पहुंच चुकी है और सड़कों पर बेलारूस के टैंक देखे जा सकते हैं।