रूस ने की शरणार्थियों के काफिले पर अन्धाधुंध गोलीबारी, एक बच्चे सहित सात की मौत रूस और यूक्रेन के बीच हो रही जंग के कारण अब तक बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिकों की जन जा चुकी है। जो यूक्रेनी नागरिक अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी देशों में शरण लेने जा रहे हैं उनपर भी रूस के सैनिक हमलावर हो रहे हैं।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना की जानकारी दी है कि शरणार्थियों के काफिले पर रूसी सैनिको की गोलाबारी में एक बच्चे सहित यूक्रेन के सात लोगों की मौत हो गई है। हमले के बाद यह काफिला वापस लौटने के लिए मजबूर हो गया। एक खबर के अनुसार ये सात लोग राजधानी कीव के उत्तर पूर्व में 20 किलोमीटर दूर पेरेमोहा गांव से जान बचा कर भाग रहे सैंकड़ों लोगों के काफिले में शामिल थे। इस गोलाबारी में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
रूस ने कहा है कि वह संघर्ष वाले क्षेत्रों के बाहर मानवीय कॉरिडोर बनाएगा लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने रूस पर उन मार्गों को बाधित करने और आम नागरिकों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया है। यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने शनिवार को कहा कि ऐसे 14 बचाव कॉरिडोर खोलने पर सहमति हूई थी लेकिन शनिवार को केवल नौ कॉरिडोर ही खोले गए और इनके जरिए देशभर से 13 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार यूक्रेन पर 17 दिन पहले हुए रूसी हमले के बाद से अब तक कम से कम 25 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि रूस उनके देश को तोड़ने के लिए यूक्रेन में नया छद्म गणराज्य बनाने की कोशिश कर रहा है। जेलेंस्की ने शनिवार रात को यूक्रेन के नाम अपने बयान में यह बात कही है।
जेलेंस्की ने खेरसन सहित यूक्रेन के क्षेत्रों से अपील की कि वे दोनेत्स्क और लुहांस्क में जो हुआ वह उसे दोबारा दोहराने ना दें। खेरसन पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है। याद रहे कि रूस समर्थक अलगाववादियों ने 2014 में पूर्वी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क में यूक्रेनी सेना से लड़ाई शुरू की थी। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि खेरसन क्षेत्र पर कब्जा करने वाले छद्म गणराज्य का गठन करके हमें वही दुखद अनुभव कराने की कोशिश कर रहे हैं। वे स्थानीय नेताओं को डरा कर दबाव बनाना चाह रहे हैं।