चाबहार बंदरगाह भारत और मध्य एशियाई देशों के संबंधों को देगा नए आयाम
तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को लेकर कहा है कि यह बंदरगाह भारत और मध्य एशियाई देशों के दरमियान संबंधों को और अधिक मजबूत करने का काम करेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में ईरान में बन रहे चाबहार बंदरगाह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस बंदरगाह के माध्यम से भारत और मध्य एशियाई देशों के संबंध और अधिक मजबूत होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी व्यापार प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है। हमने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कोरिडोर एवं अंतर्राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट और ट्रांसिट कोरिडोर पर अश्काबाद समझौते की अहमियत को उजागर किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत के सहयोग से ईरान में निर्मित चाबहार बंदरगाह को भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार को और अधिक सरल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग आज की हमारी चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) पाइप लाइन के बारे में सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सुझाव दिया कि तकनीकी और विशेषज्ञ स्तर की बैठकों में पाइपलाइन की सुरक्षा और प्रमुख व्यावसायिक सिद्धांतों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
भारत और तुर्कमेनिस्तान ने आपदा प्रबंधन और वित्तीय आसूचना समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिये चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुर्कमेनिस्तान के अपने समकक्ष सर्दार बर्दी मुहामेदोव से मुलाकात की और द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।