ब्रिटेन में बिन सलमान और बिन जायद के ख़िलाफ़ मामला दर्ज
ब्रिटिश अखबार “गार्जियन” के अनुसार ब्रिटेन में मानवाधिकार वकीलों का एक ग्रुप यमन में हो रहे सऊदी अरब के हमलों से संबंधित एक मामला यमनी पुलिस को सौंपेगा।
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि मानवाधिकार वकीलों ने सऊदी अरब और यूएई के नेताओं पर यमन में युद्ध अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए ब्रिटिश अदालत में मुकदमा दायर किया है।
द गार्जियन में कहा गया है कि मानवाधिकार वकीलों का ग्रुप इस मामले को ब्रिटिश पुलिस और अटॉर्नी जनरल के सामने भी पेश करने की योजना बना रहा था। क्योंकि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के 20 राजनेता और सैन्य अधिकारी यमन में मानवाधिकार अपराधों में शामिल हैं शिकायत में ये भी कहा गया है कि अगर ये 20 राजनेता और सैन्य अधिकारी जो यमन में मानवाधिकार अपराधों में शामिल हैं वो कभी भी ब्रिटेन पहुंचते हैं तो उनको तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
ग्रोनिका 37 नामक समूह ने उन नामों नामों की अभी पूरी सूची जारी नहीं की है; लेकिन उस सूची में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस “मुहम्मद बिन सलमान”, और संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस “मुहम्मद बिन जायद” का नाम शामिल है ।
बता दें कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिटेन के दो महत्वपूर्ण सहयोगी हैं, जिन्होंने इस देश में भारी निवेश किया है। यूएई ने मैनचेस्टर सिटी को खरीदा है और सऊदी अरब ने न्यूकैसल युनाइटेड को 350 मिलियन डॉलर में खरीदा है।
गार्जियन के अनुसार, ब्रिटिश कानूनी समूह ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने में लगभग एक वर्ष का समय बिताया है, जिसके बाद ये समूह ब्रिटिश पुलिस और अटॉर्नी जनरल के कार्यालय में 200-पेज का मामला प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले ने यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमले में मारे गए नागरिकों के परिवारों का हवाला देते हुए सबूत दिए हैं इसमें उत्तरी यमन में एक छात्र बस पर 2018 के हवाई हमले जैसे विवादास्पद मुद्दों को भी संबोधित किया गया है जिसमें 26 बच्चे मारे गए और 19 अन्य घायल हो हुए थे।
साथ ही 2016 में सना में एक शोक सभा पर हवाई हमले को भी शिकायत में बयान किया है, जिसमें 140 लोग मारे गए थे और 600 अन्य घायल हो हुए थे; इस हमले में सऊदी गठबंधन सेना ने शामिल होने की बात कबूल की थी।
द गार्जियन ने इस बात को भी नोट किया कि मानवाधिकार वकीलों का ये ग्रुप कोलंबियाई भाड़े के सैनिकों द्वारा अदन (दक्षिणी यमन) में नागरिकों की यातना और हत्या का सबूत भी प्रदान करेगा।
बता दें कि सऊदी अरब ने अमेरिका समर्थित अरब गठबंधन के प्रमुख के रूप में यमनी राष्ट्रपति को सत्ता में वापस लाने के दावे के साथ यमन के खिलाफ एक सैन्य आक्रमण शुरू किया था और 26 अप्रैल, 2015 से यमन की नाकाबंदी किए हुए है.
सऊदी गठबंधन के हमलों में अब तक हजारों यमनियों की हत्या हो चुकी है और हज़ारों घायल हैं इसी तरह लाखों लोगों के ने इस देश को भी छोड़ दिया है


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