पूरे यूरोप में इज़रायल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन

पूरे यूरोप में इज़रायल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन

यूरोप में इज़रायल विरोधी प्रदर्शनों ने हाल के दिनों में बड़ी तेज़ी पकड़ी है, जहां हजारों लोग ग़ाज़ा पट्टी और लेबनान में इज़रायली हमलों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। यूरोप के कई प्रमुख शहरों में लोग इकट्ठा हुए और इज़रायल की कार्रवाई को नरसंहार करार देते हुए पश्चिमी देशों के समर्थन की कड़ी आलोचना की।

स्टॉकहोम में विशाल प्रदर्शन
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने स्वीडिश संसद के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘इज़रायल हत्यारा है, फिलिस्तीन से बाहर निकलो’ जैसे नारों के साथ अपने गुस्से का इज़हार किया। प्रदर्शनकारियों ने इज़रायली सेना द्वारा ग़ाज़ा में किए जा रहे हमलों को निर्दोष लोगों की हत्या और नरसंहार के रूप में पेश किया। प्रदर्शनकारियों ने स्वीडिश सरकार से मांग की कि वे इज़रायल के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं और इज़रायली हमलों को तुरंत रोकने के लिए हस्तक्षेप करें।

पेरिस में समर्थन का ज़ोर
फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी बड़ी संख्या में लोग फिलिस्तीन और लेबनान के समर्थन में सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की नीतियों की कड़ी आलोचना की, जो वे मानते हैं कि इज़रायल के प्रति अत्यधिक झुकाव वाली हैं। प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीनी शहीदों की तस्वीरें हाथ में लेकर अपनी एकजुटता दिखाई और फ्रांसीसी सरकार से इज़रायल के प्रति अपना समर्थन पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान, पेरिस की सड़कों पर ‘फ़िलिस्तीन के लिए आज़ादी’ और ‘इज़रायल की बर्बरता को रोको’ जैसे नारों की गूंज सुनाई दी। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा पट्टी और लेबनान में इज़रायली हमलों को तुरंत समाप्त करने की मांग की, साथ ही पश्चिमी देशों से इज़रायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की अपील की।

बर्लिन में ज़बरदस्त प्रदर्शन
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में करीब 2,000 से अधिक लोगों ने इज़रायल विरोधी रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने जर्मन सरकार की नीतियों की आलोचना की, जो इज़रायल को हथियारों और आर्थिक मदद प्रदान करती हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जर्मनी जैसे देशों के समर्थन से ही इज़रायल को इस तरह के नरसंहार को अंजाम देने का साहस मिलता है।

बर्लिन के प्रदर्शनकारियों ने गाजा और लेबनान में इज़रायल की हिंसा के खिलाफ नारेबाज़ी की और पश्चिमी देशों की चुप्पी और समर्थन को शर्मनाक बताया। उन्होंने यूरोपीय सरकारों से अपील की कि वे अपने रुख पर पुनर्विचार करें और इज़रायल के खिलाफ कड़ा कदम उठाएं।

पुलिस की कार्रवाई
इन प्रदर्शनों के दौरान कई शहरों में पुलिस की सख्त कार्रवाई भी देखने को मिली। बर्लिन और पेरिस में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसमें कई फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी भी की गई। इसके बावजूद, प्रदर्शनकारियों का जोश और समर्थन कम नहीं हुआ, और उन्होंने अपने आंदोलन को जारी रखने की प्रतिज्ञा की।

यूरोप में हो रहे ये विरोध प्रदर्शन इज़रायल द्वारा ग़ाज़ा पट्टी और लेबनान में किए जा रहे हमलों के खिलाफ वैश्विक नाराज़गी का प्रतीक हैं। प्रदर्शनकारी न सिर्फ इज़रायल की नीतियों की निंदा कर रहे हैं, बल्कि वे पश्चिमी देशों की ओर से मिलने वाले समर्थन पर भी सवाल उठा रहे हैं, जो इन हमलों को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है।

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