यमन पर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले अतिक्रमणकारी गठबंधन के हमलों के 6 साल पूरे हो गए हैं। ठीक 6 साल पहले 26 मार्च 2015 को
सऊदी अरब ने अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर क्षेत्र के सबसे ग़रीब देश की आर्थिक घेराबंदी करते हुए यमन के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाया था।
शुक्रवार को यमन में लाख़ों लोगों ने राजधानी सनआ समेत कई शहरों में सऊदी सैन्य गठबंधन के हमलों के ख़िलाफ़ रैलियां निकालीं और अंसारुल्लाह आंदोलन के समर्थन का एलान किया।
हाल ही में यमन को युद्ध विराम का प्रस्ताव देने वाले सऊदी अरब ने अपने दावों के विपरीत एक बार फिर कई स्थानों पर हमले किए वहीँ यमन युद्ध के 6 साल पूरे होने के अवसर पर पूरे देश में इस युद्ध के ख़िलाफ़ विशाल रैलियों का आयोजन हुआ।
यमन के टीवी चैनल अल-मसीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़, शुक्रवार को सऊदी लड़ाकू विमानों ने मआरिब के मिदग़ल और सिरवाह इलाक़ों पर दर्जनों बम गिराए। पिछले कुछ हफ़्तों से मआरिब में यमनी सेना और उसके घटक स्वयंसेवी बलों तथा सऊदी समर्थन प्राप्त पूर्व राष्ट्रपति मंसूर हादी के लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई जारी है।
मआरिब मोर्चे पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही यमन संयुक्त बलों मआरिब पर पूर्ण निंयत्रण हासिल करने के बाद, उसके पड़ोसी प्रांतों हज़रामौत और शबवह को आज़ाद कराने के लिए ऑप्रेशन शुरू करेंगे।
सऊदी सैन्य गठबंधन की आर्थिक घेराबंदी और हमलों के कारण यमन में अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मानव इतिहास का सबसे गंभीर संकट क़रार दिया है।