सूडान में 2 मिलियन लोग भुखमरी के कारण मौत के कगार पर: संयुक्त राष्ट्र
सूडान में सत्ताधारी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (RSF) के बीच चले आ रहे भीषण संघर्ष को 17 महीने हो चुके हैं। यह युद्ध अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था और अब तक इसने पूरे देश में तबाही मचा दी है। इस संघर्ष ने सूडान की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना को तहस-नहस कर दिया है, जिसके कारण लाखों नागरिक मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सूडान के इस संकट को बार-बार उजागर किया है और हाल ही में यह चेतावनी दी है कि 2 मिलियन लोग भुखमरी के कारण मौत के कगार पर खड़े हैं।
अफ्रीकी देश में युद्ध के कारण हो रही मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद शांति स्थापना के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी (IRC) ने कहा है कि “वैश्विक समुदाय सूडान में शांति स्थापित करने में पूरी तरह असफल रहा है।”
संघर्ष के चलते सूडान के 10 मिलियन से अधिक लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से 8 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सूडान में स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि यह दुनिया के सबसे बड़े प्रवासन संकट में से एक बन गया है। लाखों लोग अपने घरों और गांवों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में दर-दर भटकने पर मजबूर हैं, लेकिन उन्हें उचित सहायता नहीं मिल पा रही है।
इस मानवीय संकट को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल, टेड्रोस अधानम गेब्रेयसस ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि दुनिया गोरे और काले लोगों की जिंदगियों को समान रूप से महत्व देती है या नहीं।” यह टिप्पणी सूडान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही सहायता की कमी की ओर इशारा करती है, जो अफ्रीकी देशों के साथ हो रहे भेदभाव को दर्शाती है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, सूडान की 25 मिलियन आबादी (जो कुल जनसंख्या का 54% है) गंभीर भूख का सामना कर रही है, जबकि 7 लाख 55 हजार लोग अकाल की स्थिति में हैं। सूडान में युद्ध के कारण कृषि, व्यापार और बुनियादी ढांचे पर गहरा असर पड़ा है, जिससे खाद्य आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई है।
इस संकट के समाधान के लिए तत्काल अधिक मानवीय सहायता की आवश्यकता है। लेकिन वैश्विक स्तर पर इसके लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं, और सूडान के नागरिकों के सामने संघर्ष और भूख का एक लंबा और कठिन दौर दिखाई दे रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने विश्व समुदाय से अपील की है कि वे इस संघर्ष को समाप्त करने और सूडान में राहत सामग्री भेजने के लिए तत्परता दिखाएं, ताकि भूख और संघर्ष से जूझ रहे लोगों की जान बचाई जा सके।


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