ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा देने का किया फैसला
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बड़े राजनीतिक संकट के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, 41 मंत्रियों की बगावत के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इस्तीफा देने के लिए राज़ी कर लिया है। हालांकि विपक्षी लेबर पार्टी भी उनसे इस्तीफा मांग रही थी।
अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कंजरवेटिव पार्टी द्वारा एक नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक बोरिस जॉनसन अपने प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। इससे पहले मंगलवार को ब्रिटिश चांसलर ऋषि सोनक और स्वास्थ्य सचिव साजिद जावेद ने अपने इस्तीफे की घोषणा की।
साथ ही उन्होंने यह कहते हुए अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया कि वह हाल के घोटालों के मद्दे नज़र सरकार में नहीं रह सकते हैं जिन्होंने बोरिस जॉनसन के प्रशासन को कलंकित किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में बड़ी संख्या में सांसदों ने भी कहा कि जॉनसन के लिए खेल खत्म हो चुका है। हालांकि, उन्होंने एक नए वित्त मंत्री की नियुक्ति करके पद पर बनने का इरादा किया है।
सूत्रों के अनुसार बोरिस जॉनसन के खिलाफ आरोप है कि बोरिस जॉनसन की सरकार पिछले कुछ महीनों से घोटालों से त्रस्त है। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन कानूनों का उल्लंघन करने के लिए प्रधानमंत्री पर जुर्माना लगाया गया था। इतना ही नहीं, बाकि उनके डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय के अधिकारियों के व्यवहार के खिलाफ भी एक निंदनीय रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिन्होंने लॉकडाउन कानूनों का उल्लंघन किया था।
ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की नीति में भी यूटर्न देखा गया है कि लॉबिंग के नियमों को तोड़ने वाले एक विधायक के मनमाने बचाव की भी आलोचना हुई। साथ ही, बढ़ती महंगाई और बढ़ते पेट्रोल की कीमतों का सामना कर रहे ब्रिटिश लोगों पर्याप्त नहीं करने के लिए बोरिस जॉनसन की आलोचना की गई।
ताज़ा आरोप में बोरिस जॉनसन ने सांसद क्रिसपंचर को एक सरकारी पद पर नियुक्त किया था, जिनके खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगे थे। ब्रिटिश रिसर्च एंड डेटा एनालिसिस फर्म यूगो द्वारा किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि बोरिस जॉनसन को प्रधान मंत्री के रूप में पद छोड़ देना चाहिए।