अमेरिका: अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने भारत विरोधी प्रस्ताव किया पेश
डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर के द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव में अमेरिकी सरकार से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफारिशों को लागू करने की गुज़ारिश की है, जिसमें लगभग तीन वर्षों तक लगातार भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की है।
संयुक्त राज्य अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर ने अमेरिका की संसद में भारत विरोधी एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री से धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत को मुख्य रूप से चिंताजनक वाला देश घोषित करने की मांग की गई है।
अमेरिकी सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास ने सह-प्रायोजित, प्रस्ताव में अमेरिका के प्रशासन से धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग की है जिसने लगातार तीन वर्षों तक भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित किया जाये। प्रतिनिधि सभा में यह प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया गया जिसकी आवश्यक कार्रवाई हेतु सदन की विदेश मामलों की समिति के पास भेज दिया गया है।
सांसद इल्हान उमर के तेज़ तेवर को देखते हुए प्रतीत हो रहा है कि इस तरह के प्रस्ताव को पारित होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. सांसद उमर के भारत के मुद्दे पर पाकिस्तानी अधिकारियों का खुलकर साथ दिया है। भारत से जुड़ी अमेरिकन कांग्रेस की कई गतिविधियों में भी उमर ने लगातार भारत विरोधी का रुख अपनाया है।
सांसद उमर ने अपने प्रस्ताव में भारत में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निंदा कहै। जिसमें मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘‘लक्षित” करना शामिल है। इसमें भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ‘‘बुरा बर्ताव और इस्लामोफोबिया” पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
बता दें कि इससे पहले भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की धार्मिक स्वतंत्रता की रिपोर्ट पर भारत सरकार की तरफ से आलोचना करते हुए खारिज किया था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी ‘‘वोट बैंक की राजनीति” की जा रही है। साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत पर यह रिपोर्ट ‘‘पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है।”
इससे पहले भारत ने सांसद इल्हाम उमर की पीओके यात्रा की निंदा करते हुए कहा था कि उनकी यात्रा ने देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और साथ ही उनकी यह यात्रा देश के प्रति ‘‘संकीर्ण मानसिकता” वाली राजनीति को दर्शाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि ‘‘अगर कोई अपने देश में ऐसी संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करता है, तो उससे हमारा कोई मतलब नहीं है लेकिन अगर हमारी क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन किया जाता है तो यह हमसे जुड़ा मामला बन जाता है और उनकी यह यात्रा दोनों देशों कि लिए बेहद निंदनीय है।