ग़ाज़ा शांति समझौते के लिए मुस्लिम शासकों के सहयोग का इच्छुक हूं: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ समेत मुस्लिम नेताओं से मुलाक़ात की, ताकि ग़ाज़ा में इज़रायल की जंग को ख़त्म करने के लिए अपना प्रस्ताव पेश कर सकें।
डॉन न्यूज़ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह मुलाक़ात संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महासभा के 80वें सत्र के दौरान हुई, जिसमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की और इंडोनेशिया के नेताओं ने हिस्सा लिया।
मुलाक़ात से पहले मुस्लिम नेताओं को सीधे संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा:
“हमें बंधकों को वापस लाना है। यह वही समूह है जो दुनिया के किसी और से ज़्यादा यह कर सकता है। इसलिए आपके साथ होना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
उन्होंने आगे कहा:
“हमने यहाँ 32 मुलाक़ातें कीं, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम ऐसी चीज़ को ख़त्म करने जा रहे हैं जिसे शायद कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था।”
क़तर के अमीर शेख़ तमीम ने राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि, इस अहम वक़्त में इतनी अहम मुलाक़ात की मेज़बानी करने के लिए हम आभारी हैं। उन्होंने कहा:
“हम यहाँ सिर्फ़ इस जंग को रोकने और क़ैदियों को वापस लाने आए हैं। हम आपकी क़ियादत (लीडरशिप) पर भी भरोसा करते हैं कि आप इस जंग को ख़त्म करें और ग़ाज़ा के लोगों की मदद करें।”
व्हाइट हाउस के अनुसार ट्रंप की योजना में ग़ाज़ा से इज़रायली फ़ौजों की धीरे-धीरे वापसी, क्षेत्रीय शांति सेना की तैनाती और प्रभावित इलाक़े के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन से एक अंतरिम व पुनर्निर्माण प्रक्रिया शामिल है।
इज़रायल के चैनल 12 और अमेरिकी न्यूज़ वेबसाइट एक्सिओस ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि हालाँकि यह योजना इज़रायल ने नहीं बनाई है, मगर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इसकी रूपरेखा से अवगत करा दिया गया है। योजना में फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी (पी.ए.) की भूमिका शामिल है लेकिन हमास की नहीं, जिसे वॉशिंगटन और तेल अवीव दोनों ख़त्म करने पर ज़ोर देते हैं।
एक्सिओस ने रिपोर्ट किया कि अमेरिका चाहता है कि, अरब और मुस्लिम देश ग़ाज़ा में फ़ौजी दस्ते भेजने पर सहमत हों, ताकि इज़रायल की वापसी संभव हो सके और पुनर्निर्माण कार्यक्रम के लिए फंड की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
बहुपक्षीय बैठक से पहले विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फ़ॉक्स न्यूज़ को बताया:
“फ़िलिस्तीनियों और इज़रायलियों के बीच विवाद का स्थायी हल केवल एक बातचीत से होने वाला समझौता ही हो सकता है।”
उन्होंने संभावित समझौते की व्याख्या करते हुए कहा:
“यह ऐसा होगा जिसमें फ़िलिस्तीनियों के पास अपनी ज़मीन होगी और वे उस पर हुक़ूमत करेंगे, लेकिन उसे किसी भी हालत में इज़रायल पर हमले के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।”
सीबीएस न्यूज़ से अलग बातचीत में उन्होंने इस बहुपक्षीय मुलाक़ात को “ग़ाज़ा में संघर्ष को ख़त्म करने, सभी बचे क़ैदियों की रिहाई और एक मानवीय सहायता कार्यक्रम शुरू करने का आख़िरी मौक़ा” क़रार दिया।


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