ओमीक्रॉन का पता लगाने वाली डॉ से जानिए इस वेरिएंट के खतरे कोरोनावायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन दक्षिण अफ्रीका के बाद दुनिया के लगभग हर कोने में पहुंच चुका है।
ओमीक्रॉन कितना खतरनाक है इसको लेकर इस वैरिएंट के बारे में सबसे पहले सावधान करने वाली डॉक्टर ने अहम जानकारियां साझा की हैं । दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में रहने वाली डॉ एंजेलिक कोएत्जी ने कोरोनावायरस के इस नए वेरिएंट के बारे में सबसे पहले सावधान किया था।
डॉक्टर एंजेलिक ने कहा कि उन्होंने महीने की शुरुआत में ही सबसे पहले यह देखा किए कुछ मरीजों में अलग तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं। ओमीक्रॉन से पीड़ित किसी भी व्यक्ति में सुगंध महसूस करने की क्षमता कम नहीं हुई थी जबकि आमतौर पर कोरोनावायरस संक्रमित मरीज के सूंघने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। ओमीक्रॉन से प्रभावित लोगों को काफी थकान महसूस होती है और उनका पल्स रेट बेहद तेज हो जाता है।
डॉ एंजेलिक पिछले 30 वर्षों से मेडिकल प्रैक्टिस कर रही हैं। वह साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की प्रमुख भी हैं। उन्होंने शुरुआती मरीजों के संबंध में बात करते हुए कहा कि इन मरीजों के लक्षण कोरोना पीड़ित अन्य लोगों से बहुत अलग भी थे और बहुत हल्के भी। उन्होंने यह स्थिति देखी तो 18 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के वैक्सीन सलाहकार बोर्ड को सूचित करने के लिए विवश होना पड़ा।
डॉक्टर एंजेलिक ने जब 4 परिवार से संबंधित अलग-अलग लोगों का उपचार किया तो वह सभी लोग कोरोना संक्रमित थे। उन्हें काफी थकान महसूस हो रही थी और उनकी पल्स रेट भी बढ़ी हुई थी। याद रहे कि कोरोनावायरस का यह वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही पाया गया है। दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले पाया जाने वाला यह वेरिएंट अब ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, इस्राईल, बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग ,कनाडा, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी दस्तक दे चुका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ओमीक्रॉन को लेकर चिंता जताते हुए कह चुका है कि यह बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वेरिएंट है। दुनिया भर में डब्ल्यूएचओ की इस चेतावनी के बाद हलचल मच गई है। ओमीक्रॉन से बचाव के लिए दुनिया के अधिकांश देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं । साथ ही स्वास्थ्य जगत में इस बात को लेकर जांच तेज हो गई है क्या इस वेरिएंट के खिलाफ कोई टीका काम करता है या नहीं।
अब तक कोरोनावायरस का सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा को माना जा रहा था लेकिन ओमीक्रॉन को डेल्टा से भी अधिक घातक बताया जा रहा है। हालांकि अभी तक इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टर एंजेलिक ने कहा है कि पीड़ित लोगों में जो लक्षण नज़र आ रहे हैं वह बेहद मामूली हैं और उन्होंने जितने भी रोगियों का उपचार किया है वह सभी ठीक हो गए हैं।