इटली में इज़रायल के ख़िलाफ़ 20 लाख लोग सड़कों पर उतर आए

इटली में इज़रायल के ख़िलाफ़ 20 लाख लोग सड़कों पर उतर आए

ग़ाज़ा में जारी इज़रायली अत्याचारों के विरोध में शनिवार को इटली के 100 से ज़्यादा शहरों में करीब 20 लाख लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। लोगों ने अलग-अलग रैलियाँ निकालकर ग़ाज़ा में भूख, प्यास और घेराबंदी झेल रहे बेघर फ़िलिस्तीनियों के लिए राहत मिशन को दोबारा शुरू करने की मांग की।

इन रैलियों का आयोजन इटली की सबसे बड़ी मज़दूर यूनियन ने किया था। कई अन्य यूनियनों ने भी इसमें हिस्सा लिया। उनका कहना था कि, यह प्रदर्शन उस घटना के बाद किया गया, जब इज़रायली सेना ने “फ्लोटिला” नामक सहायता जहाज़ को रोक लिया था, जो ग़ाज़ा के लिए मानवीय सहायता लेकर जा रहा था। इज़रायली बलों ने न केवल उस जहाज़ को रोक दिया बल्कि उस पर सवार 400 से अधिक कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक गिरफ़्तार भी कर लिया।

इटली के अलावा यूरोप के कई देशों और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी ग़ाज़ा के समर्थन में प्रदर्शन हुए, लेकिन सबसे बड़ा और असरदार प्रदर्शन इटली में ही देखा गया।

इटली की दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इन रैलियों और हड़ताल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि, यह पूरे देश में अराजकता और अस्थिरता फैलाने की कोशिश है, जिसके राजनीतिक मक़सद हैं और यह उनकी सरकार को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।

दूसरी ओर, “सीजीआईएल यूनियन” ने बताया कि, सिर्फ राजधानी रोम में ही लगभग 3 लाख लोगों ने मार्च किया। कुल मिलाकर 60 प्रतिशत नागरिकों ने इस हड़ताल में भाग लिया। हड़ताल की वजह से परिवहन, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएँ पूरी तरह ठप रहीं।

इटली में 14 अक्टूबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों से पहले यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि, क्या इज़रायल की भागीदारी को निलंबित किया जाए। प्रदर्शन ज़्यादातर शांतिपूर्ण रहे, लोगों ने बैनर उठाए थे जिन पर इतालवी भाषा में लिखा था — “हमें ज़ायोनिज़्म का विरोध करना होगा।”

शुक्रवार की सुबह मिलान शहर में करीब एक लाख लोगों ने प्रदर्शन किया। हालांकि वहाँ थोड़ी झड़पें हुईं, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पानी की बोतलें फेंकीं, जिसके जवाब में पुलिस ने आँसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री मेलोनी ने कहा कि, उन्हें अब भी विश्वास है कि ऐसे प्रदर्शनों से फ़िलिस्तीनियों को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि इससे इटली के लोगों को ही परेशानियाँ होंगी। उन्होंने हड़ताल की अपील की निंदा की।

बता दें कि, इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी पर इस बात का दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे इज़रायल के प्रति अपनी पुरानी नीतियों से पीछे हटें और ग़ाज़ा में भूख और घेराबंदी झेल रहे लोगों की मदद करें। इसी दौरान स्पेन और पुर्तगाल में भी ग़ाज़ा के समर्थन में प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *