फिलिस्तीन के समर्थन में उतरे ब्रिटेन के सिख सांसद, कहा: अत्याचार को देखकर चुप नहीं रह सकता, फ़िलीस्तीन और इस्राईल के बीच चल रही जंग को लेकर पूरा विश्व हैरान है, इस हिंसक संघर्ष में दोनों तरफ़ से लोगों की जानें जा रही हैं, विश्व के दूसरे कई देशों की पार्लियामेंट में इस मामले को लेकर गंभीरता बनी हुई है और चर्चा जारी है।
इंग्लैंड के सिख सांसद और श्रम मंत्री तनमनप्रीत सिंह ढेसी ने भी वहां की पार्लियामेंट में इस हिंसक घटनाओं को ले कर अपनी चिंता ज़ाहिर की है।
तनमजनीत सिंह ने प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन से आग्रह किया कि इस्राईल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रही हिंसा को कम करने में वहां की सरकार को पहल करनी चाहिए।
तनमनजीत ने जारी हिंसा में होने वाली मौतों पर निराशा ज़ाहिर की और कहा कि हिंसक घटनाओं में बच्चों का इस तरह से मारा जाना और अधिक तकलीफ़देह है।
तनमनजीत सिंह ने इस मामले पर अपने ट्वीट में लिखा कि इस्राईल और फ़िलिस्तीन का मुद्दा उस औपनिवेशिक दौर की मानसिकता की निशानी है जिसमें एक दूसरे की जायदाद पर क़ब्ज़ा करना, एक दूसरे के नागरिकों को उनकी ही घरों और ज़मीनों से बेदख़ल करना, बेशर्मी दिखाते हुए अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों को तोड़ना, लोगों को परेशान करना और नागरिकों का अपमान करना शामिल है।
Nub of #Israel #Palestine issue is colonial era mindset of a gradual land grab, forced evictions, shameless flouting of international law, suppression and humiliation of a people.
But need now is immediate end to bloodshed and deliver aid to those in inhumanely blockaded #Gaza. pic.twitter.com/J5j6tjv0hk
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) May 19, 2021
तनमनजीत सिंह ने आगे कहा कि अब कुछ ज़्यादा ही हो गया है, अब हिंसा, ख़ून ख़राबा को तुरंत ख़त्म करने की ज़रूरत है और जिन लोगों को इज़राइल ने गाज़ा में बंधक बना रखा है उनकी मदद की ज़रूरत है।
सांसद तनमनजीत सिंह ने कहा कि हम ज़बर्दस्ती बे दख़ल किए जाने वाले और क़ब्ज़ा किए जाने वाले फ़िलीस्तीन में हिंसा और अत्याचारों को देखते हुए ख़ामोश बैठ कर तमाशा नहीं देख सकते।
उन्होंने कहा कि अरब देशों में ही रही ऐसी घटनाएं और शेख़ जर्राह में रहने वाले फ़िलिस्तीनी नागरिकों को ज़बर्दस्ती बेदख़ल करना चिंता का विषय है।
तनमनजीत सिंह ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि हम लोगों को आगे बढ़ना चाहिए और जिस तरह फ़िलीस्तीन के लोगों के मानवाधिकारों को ज़बर्दस्ती रौंदा जा रहा है, अत्याचार किया जा रहा है, उनको उन्हीं के घरों से निकाला जा रहा है, हमको आगे आना चाहिए और इसका ज़ोरदार विरोध करना चाहिए और इस्राईल के ऐसे कामों के ख़िलाफ़ कार्यवाही होनी चाहिए।