पिछले सप्ताह यमन के अपदस्थ राष्ट्रपति मंसूर हादी सरकार के नए गठित मंत्रिमंण्डल को लेकर अदन एयरपोर्ट पहुंचे जहाज़ के ज़मीन पर उतरते हुए विध्वंसक विस्फोट और गोलीबारी की घटना के अपराधियों के बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है। जहाँ यमन जनांदोलन अंसारुल्लाह यमन ने तभी इस घटना में अपनी कोई भूमिका न होने की बात कही थी वहीं शक की सुई सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन की ओर घूम रही है।
इस्राईल के प्रख्यात समाचार पत्र हारेत्ज़ ने कहा कि इस बात के कई स्पष्ट साक्ष्य मौजूद हैं जो इस बात की ओर संकेत करते हैं कि इन हमलों के पीछे अरब अमीरात और उस से सहमत घटको का हाथ हो सकता है। साउथर्न ट्रांज़िशनल कौंसिल भी मंसूर हादी के मंत्रिमंडल की उपस्थिति के सख्त खिलाफ थी, इस बात की भी आशंका है कि यह मंत्रिमंडल अदन में रहा तो साउथर्न ट्रांज़िशनल कौंसिल के समर्थन से हमलों का क्रम जारी रहेगा। अमीरात यमन में सऊदी भूमिका को कम से कम करने के प्रयास में है इन हमलों से पहले अदन सुरक्षा परिषद् के प्रमुख और अमीरात के समर्थक अधिकारी अदन एयरपोर्ट को छोड़ चुके थे। सऊदी सरकार ने भी अब्दुन नासिर अबूह को इन हमलों को लेकर बंदी बनाया है जो अमीरात समर्थक आतंकी गुटों के प्रमुख कमांडरों में एक है।
अमीरात नहीं चाहता कि हादी सरकार के माध्यम से उत्तरी यमन के बाद अब दक्षिण के तेल और गैस पर ّभी सऊदी कब्जा करे।