म्यांमार , 38 प्रदर्शनकारियों की मौत, यांगून में मार्शल लॉ लागू

म्यांमार में निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर क़ाबिज़ हुई सेना ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के कई हिस्सों में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। म्यांमार में तख्ता पलट की घटना को लगभग छह सप्ताह हो गए हैं तभी से देश में आपातकाल लागू है।

लेकिन इस अवधि में यह पहला अवसर है जब सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने पहली बार मार्शल कानून का जिक्र किया जिससे प्रतीत होता है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस के बजाय सेना ने सीधे अपने हाथ में ले ली है। इस घोषणा के अनुसार सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए यांगून के क्षेत्रीय कमांडर को उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रशासनिक, न्यायिक और सैन्य अधिकार दिए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य शासन) ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून के कई हिस्सों में मार्शल कानून लागू करने की घोषणा कर दी है। संवैधानिक सरकार का तख्तापलट करने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने के लिए की जा रही सख्त कार्रवाई में मारे गए लोगों की बढ़ती संख्या के बीच सैन्य शासन ने यह कदम उठाया है। हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर नजर रखने वाले स्वतंत्र समूह ‘एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स’ के मुताबिक, रविवार सबसे हिंसक दिनों में से एक रहा, क्योंकि प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कम से कम 38 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं।

इस समूह की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 34 लोगों की मौत यांगून में हुई है और जहां के दो टाउनशिप हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल कानून लागू किया गया है।

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