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नाटो के बयान ने चीन के शांतिपूर्ण विकास को “बदनाम” किया: चीन

नाटो के बयान ने चीन के शांतिपूर्ण विकास को “बदनाम” किया: चीन,नाटो नेताओं ने सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के गठबंधन के साथ पहली शिखर बैठक में बीजिंग के प्रति एक जबरदस्त रुख अपनाया तथा चीन के इरादों को खतरनाक बताते हुए बढ़ा चढ़ाकर बयान किया गया और कहा कि इस देश ने कई “प्रणालीगत चुनौतियां” पेश की हैं। जिसके जवाब में चीन ने मंगलवार को बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से रोकने का आग्रह किया।

रायटर्स के अनुसार नाटो नेताओं ने कहा था, “चीन की महत्वाकांक्षाएं और हठधर्मिता नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और गठबंधन सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रों के लिए कई जटिल चुनौतियां खड़ी करती है।

नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने साथी नाटो नेताओं से चीन की सत्तावाद और बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिए खड़े होने का आग्रह किया है।

चीन ने वेबसाइट पर पोस्ट की गई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नाटो के बयान ने चीन के शांतिपूर्ण विकास को “बदनाम” किया है, अंतरराष्ट्रीय स्थिति को गलत बताया है, और “शीत युद्ध का संकेत दिया। चीन हमेशा शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। “हम किसी के लिए भी ‘प्रणालीगत चुनौती’ नहीं खड़ी कर रहे है, हाँ लेकिन अगर कोई हमारे लिए ‘प्रणालीगत चुनौती’ खड़ी करता है, तो हम चुप नहीं रहेंगे।”

बीजिंग में, विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता, झाओ लिजियन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के “अलग-अलग हित” है और उम्मीद करते है कि कुछ यूरोपीय देश संयुक्त राज्य अमेरिका के चीन विरोधी युद्ध मिशन में खुद को शामिल नहीं करेंगे

सप्ताह के अंत में ब्रिटेन में G7 देशों की बैठक ने शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों को लेकर चीन को डांटा, हांगकांग को उच्च स्तर की स्वायत्तता रखने का आह्वान किया और चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की पूरी जांच की मांग की।

लंदन में चीन के दूतावास ने कहा कि वह झिंजियांग, हांगकांग और ताइवान के उल्लेखों का कड़ा विरोध करता है, जिसमें उसने कहा कि चीन के बारे में सच को छुपाया जा रहा है और बातों को बदल कर पेश किया जा रहा है क्योंकि चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कुछ देशों के खतरनाक इरादों को बेनकाब कर दिया है।

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