केसीआर को जनता से वोट मांगने का अधिकार नहीं: अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 10 अक्टूबर को हैदराबाद में एक सभा को संबोधित किया। दौरान उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर रॉव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरी केसीआर से विनती है कि अगर हिम्मत है तो अपने दोनों घोषणापत्रों को सार्वजनिक मंच पर एक बार पढ़ लें।
अमित शाह ने कहा कि केसीआर ने न अस्पतालों में भर्तियां की, न ही यूनिवर्सिटी में। युवाओं को नौकरी देने के वादे में केसीआर सरकार फेल हो चुकी है। इसलिए जनता से वोट मांगने का उन्हें अधिकार नहीं है। केसीआर कहते हैं कि हम एनडीए में जाएंगे तो यह होगा, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम केसीआर के साथ नहीं बैठ सकते। जो कोई भी मजलिस के साथ बैठा हो हम उसके साथ कभी नहीं बैठ सकते।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब 2013 में देश में कांग्रेस की सरकार थी, तब देश में सारी परिवारवादी पार्टियों का जमघट था। इस देश की सुरक्षा का कोई ठौर-ठिकाना नहीं था। देश की राजधानी दिल्ली में भी महिलाएं सुरक्षा नहीं थीं। स्थिति यह थी कि आए दिन पाकिस्तान के आतंकवादी देश में घुसकर सैनिकों के सिर काटकर ले जाते थे और पीएम मौनी बाबा मनमोहन सिंह कुछ बोल नहीं पाते थे।
लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद मोदी जी के नेतृत्व में देश दुश्मन के हर कदम का जवाब दे रहा है। प्रधानमंत्री ने परिवार की राजनीति को खत्म कर दिया है। अब ये लोग नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक साथ हो गए हैं। विपक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि ये सभी परिवारवादी पार्टियां हैं। हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए राजनीति में नहीं है। हम इस देश की सेवा के लिए राजनीति में हैं।
अमित शाह ने कहा कि अब तेलंगाना की जनता को तय करना है कि यहां का शासन किस पार्टी के हाथ में रहेगा। उनके पास तीन विकल्प है, बीजेपी, कांग्रेस और तीसरी केसीआर की पार्टी। विपक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि ये सभी परिवारवादी पार्टियां हैं। हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए राजनीति में नहीं है। हम इस देश की सेवा के लिए राजनीति में हैं।
तेलंगान विधानसभा चुनाव को लेकर हैदराबाद आए अमित शाह ने निजाम शासन से मुक्ति संघर्ष को भी याद किया। कहा कि तेलंगाना के लिए निजाम के शासन से मुक्ति से बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। आप तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनवा देंगे तो हर वर्ष 17 सितंबर को हर जिले और हर गांव में हैदराबाद विमोचन दिवस बीजेपी की सरकार बना दो, उसके बाद 17 सितंबर को हर राज्य, हर जिले, हर गांव में हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।