तालिबान का तुगलकी फरमान, हेरात में मैनिकन के सर कलम अफगानिस्तान पर तालिबान के शासन के बाद से ही अजीबो गरीब ख़बरें सामने आ रही हैं ।
तालिबान ने एक और अजीब आदेश देते हुए अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में कपड़ों की दुकानों पर रखे गए मैंनिकिन के सर कलम करने का आदेश दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में एक के बाद एक पुतलों के सर आरी से काटे जा रहे हैं।
तालिबान के अम्रबिल मारूफ और नहीं अज़ मुनकर (सदाचार फैलाने और बुराई रोकने वाले मंत्रालय) ने एक आदेश जारी करते हुए हेरात के सभी दुकानदारों से कहा है कि वह अपने यहां से पुतलों को हटा दें । एक कारोबारी के अनुसार 100 से लेकर $200 तक की लागत वाले इन पुतलों को हटाने से उनका भारी नुकसान हो रहा है अब कारोबारियों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए तालिबान ने अपने आदेश में थोड़ा सा बदलाव किया है और इन पुत्रों को हटाने के बजाय उनका सर काटने का आदेश दिया है।
This is Herat where the Taliban authorities have asked clothing shops to behead all “female mannequins” calling them “un-Islamic”. Herat was called “the pearl of Khurasan” by Rumi and has been considered the cultural capital of #Afghanistan. pic.twitter.com/CUBA6fSE74
— Zia Shahreyar l ضیا شهریار (@ziashahreyar) January 3, 2022
रिपोर्ट के अनुसार तालिबान का कहना है कि यह पुतले शरिया कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। तालिबान से जुड़े एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है के इन पुतलों को देखना भी कानून के खिलाफ है।
याद रहे कि इससे पहले तालिबान ने विज्ञापनों से महिलाओं की तस्वीरें हटाने का आदेश जारी किया था। कुछ दिन पहले ही तालिबान ने महिलाओं के विज्ञापनों को दिखाने पर रोक लगा दी थी। काबुल नगरपालिका के प्रवक्ता नेमतुल्लाह बराक़ज़ई ने कहा था कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने स्थानीय दुकानों के साथ-साथ बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल से भी सभी महिलाओं की तस्वीरों वाले साइन बोर्ड, पोस्टर , होर्डिंग्स आदि को तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
तालिबान विश्व जगत के साथ डबल गेम कर रहा है। देश में समावेशी सरकार के गठन से पहले उन्होंने पुष्टि की थी कि शरिया कानून के अनुसार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दुनिया भर की धारणाओं को गलत बताते हुए तालिबान ने कहा था कि वह हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी तथा आंतरिक समुदाय में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। हम महिलाओं को इस्लामी कानूनों के अंतर्गत पढ़ने लिखने और काम करने के और उनके समस्त अधिकारों को सुनिश्चित करने जा रहे हैं। लेकिन अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के गठन के तुरंत बाद ही तालिबान ने महिलाओं को कामकाज करने से रोक दिया है।