महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों पर श्रीलंका छोड़ने पर रोक

महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों पर श्रीलंका छोड़ने पर रोक

श्रीलंका में जारी संकट के दौरान श्रीलंका की कोर्ट ने अहम फरमान सुनाते हुए कहा कि पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगी देश नहीं छोड़ सकते हैं

श्रीलंका में बढ़ती महंगाई और गिरती जीडीपी के चलते जनता सड़क पर निकल आई थी जिसके बाद हालात को बेकाबू होते देख श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफ़ा देना पड़ा था साथ ही प्रदर्शनकारी जनता और महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी

बता दें कि महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद भी जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ था और प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास टेंपल ट्री में घुस कर आगजनी की थी. इससे बाद एक विशेष हेलीकॉप्टर से पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार को त्रिंकोमाली में एक नौसेना बेस लाया गया था. तब से उन्होंने वहीं पर शरण ले रखी है. यह द्वीपीय देश का उत्तर-पूर्वी भाग है. लेकिन इस नौसेना बेस को भी जनता ने घेर रखा है.

इसी दौरान सोशल मीडिया पर ये खबर भी दौड़ रही थी कि महिंदा राजपक्षे ने देश को छोड़ दिया है लेकिन श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को स्थायी सोशल मीडिया में आई उन खबरों को ‘‘फर्जी और बिल्कुल गलत” करार दिया था, जिसमें श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के सदस्यों के भारत भाग जाने की अटकलें लगायी गई थीं

श्रीलंका में वकीलों ने महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमे कहा गया था कि महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों ने सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हमले करने के लिए लोगों को कथित तौर पर उकसाया था. जिसके बाद कोर्ट ने महिंदा राजपक्षे और उनके सहयोगियों को देश से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है।

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