अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते प्रभाव से भारत चिंतित,

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते प्रभाव से भारत चिंतित,

अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद उस पर तालिबान का आक्रामक होता जा रहा है. तालिबान उत्तर अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर चुका है. रिपोर्टों के मुताबिक उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से कई देश चिंतित हैं.

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कुछ देशों ने उत्तरी अफगान में स्थित अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया है, जबकि ताजिकिस्तान ने अपनी सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता करने के लिए सैन्य बलों की तैनाती बढ़ा दी है.

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते प्रभाव से भारत भी चिंतित है और वो वहां पर तैनात अपने दूतावास के अधिकारीयों और नागरिकों को निकालने की तैयारी कर रहा है.

बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर तालिबान के कब्जे में चले गए है जिससे उन इलाक़ों की सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही है. ऐसे में भारत सोच रहा है कि वो काबुल और अन्य शहरों से अपने नागरिकों और अधिकारियों को वापस बुला ले.

विदेश मंत्रालय के शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि “भारत ने अफगानिस्तान के काबुल, कंधार और मजार शरीफ में मौजूद अपने स्टाफ और अन्य कर्मियों को निकालने की योजना तैयार की है.”

ग़ौर तलब है कि अफगानिस्तान के शहरों और भीतरी इलाकों में बिगड़ते मौजूदा सुरक्षा हालात के कारण दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों का संचालन मुश्किल होता जा रहा है. अफगान अधिकारी खुद तालिबान के हमले के खौफ से अपने सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों से जान बचाकर भागने लगे हैं.

बता दें कि अफगानिस्तान में भारत के पहले चार वाणिज्य दूतावास थे, जो काबुल में दूतावास के साथ जुड़े हुए थे. अफगानिस्तान के जलालाबाद और हेरात शहर में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास कुछ समय पहले ही बंद हो गए थे, जबकि कंधार और मजार शरीफ में दूतावास चल रहे हैं. साथी ही एक सैन्य कार्यालय भी था. वहां तैनात सैन्य अधिकारी अफगानिस्तान की सेना और पुलिस बलों के प्रशिक्षण में मदद कर रहे थे.

बता दें कि भारत अफगानिस्तान को विकास कार्यों में मदद कर रहा है, इसलिए कुछ संबंधित भारतीय अधिकारी और कुछ अन्य कर्मियों को वहां पर मौजूद है.

बताया जा रहा है कि तालिबान के डर से अफ़ग़ानिस्तान के सैनिक पडोसी मुल्क में पनाह ले रहे हैं कुछ सैनिक तो मंगलवार को भाग कर ताजिकिस्तान चले गए. जिसके बाद ताजिकस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए 20,000 जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है.

बता दें कि मजार-ए-शरीफ में स्थित तुर्की और रूस के वाणिज्य दूतावास बंद कर दिए गए हैं. ईरान ने भी अपने वाणिज्य दूतावास में काम बंद कर दिया है.

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