भारत ने म्यांमार पर UNGA समझौते पर वोट डालने से किया मना
म्यांमार पर UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) के UNGA की मांग पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस मूर्ति ने बयान दिया, भारत ने म्यांमार पर UNO के प्रस्ताव पर ख़ुद को वोट डालने से अलग कर लिया है।
भारत का कहना है कि पेश किए गए मसौदे से उसकी सहमति नहीं है और मामले में शांति से हल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश जारी है और इसलिए पड़ोसी होने के नाते creative approach ज़रूरी है, इस समझौते को 119 देशों का समर्थन मिला हुआ है जबकि बेलारूस ने इसका विरोध किया है और वहीं भारत समेत 34 देशों ने वोटिंग नहीं की है।
UNO में भारत को रिप्रिज़ेंट करते हुए वहां मौजूद राजदूत ने कहा कि म्यांमार में लोकतांत्रिक व्यवस्था को फिर से लाने लिए भारत की तरफ़ से कोशिशें जारी रहेंगी, और वहां की जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को नई ऊचाईयां और सम्मान दिलाने में कमी नहीं होगी, साथ ही यह भी कहा कि रखाइन प्रांत से विस्थापित रोहिंग्या समुदाय की वापसी के मुद्दे के हल को लेकर भी भारत लगातार कोशिश में है।
इस समझौते पर वोट नहीं देने के लिए भारत के फ़ैसले पर उन्होंने कहा कि समझौते के लिए जो मसौदा पेश किया गया उससे भारत के विचार सहमत नहीं हो रहे हैं, और हम फिर यह कहना चाहेंगे कि अगर इंटरनेशनल समुदाय इस मामले को शांति से हल करने के लिए तैयार है तो इसमें पड़ोसी देशों और क्षेत्रों के परामर्शी और रचनात्मक नज़रिए को अपनाना अहमियत रखता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि UNGA ने म्यांमार पर एक समझौता पास किया गया जिसमें कहा गया था कि 8 नवंबर 2020 के आम चुनाव के नतीजों द्वारा आम लोगों की मंशा का म्यांमार की सशस्त्र सेना को आदर करना चाहिए ताकि वहां इमर्जेंसी के हालात ख़त्म हों और लोगों के मानवाधिकार को सम्मान मिल सके।
इस समझौते पर 119 देशों ने सहमति जताई है, वहीं बेलारूस ने असहमति जताई और इसके अलावा भारत, चीन और रूस समेत 34 देशों ने वोट देने से मना कर दिया।