काबुल ब्लास्ट में परिवार से बिछड़ा 3 वर्षीय अली अब कनाडा पहुंचा अली 3 वर्षीय बच्चा, कतर से 14 घंटे की उड़ान के बाद आखिरकार कनाडा पहुंच गया है।
काबुल ब्लास्ट में किस्मत से बचने वाला यह बच्चा इस दुर्घटना में अपनी मां और अपने चार अन्य भाई बहनों से अलग हो गया था। इस दुर्घटना में 175 लोग मारे गए थे।
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही लोगों में इतनी दहशत और भय का माहौल है कि वह किसी भी स्थिति में अफगानिस्तान से निकल कर भागना चाहते हैं।
काबुल पर तालिबान का कब्जा हुआ तो लोग भारी संख्या में काबुल एयरपोर्ट की तरफ भाग निकले। बच्चे, बड़े, बूढ़े सब एक सुरक्षित ठिकाने की चाह में एयरपोर्ट पहुंचे। इस भीड़ में अपने परिवार के साथ 3 वर्षीय अली भी था। जो काबुल ब्लास्ट में अपने परिवार से बिछड़ गया।
3 साल का अली 2 सप्ताह पहले काबुल से निकला था तो उसके साथ कोई नहीं था। अब यह बच्चा क़तर होते हुए टोरंटो पहुंच गया है जहां उसके पिता रहते हैं।
द ग्लोबल एंड मेल वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन IOM के एक अधिकारी की निगरानी में यह बच्चा कनाडा जाने से पहले कतर के एक अनाथालय में रहा।
2 सप्ताह तक कतर के एक अनाथालय में रहने के बाद सोमवार को अली टोरंटो पहुंच गया है जहां उसके पिता पिछले 2 साल से रह रहे हैं। अली के पिता ने द ग्लोब को बताया कि मुझे पिछले 2 सप्ताह से नींद नहीं आ रही है।
अफ़ग़ानिस्तान से लोगों के पलायन का सिलसिला जारी है। इस बीच कनाडा ने कहा है कि वह 20000 अफगान नागरिकों को अपने यहां जगह देगा। आपको बता दें कि 2001 में अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले में कनाडा कंधे से कंधा मिलाकर जॉर्ज बुश प्रशासन के साथ था।
कनाडा के विदेश मंत्री ने कहा कि अब पिछले 20 वर्षों में अफगान लोगों ने महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक, मानवाधिकार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुरक्षा हासिल करने में कनाडा का भरपूर समर्थन किया और अपनी जान जोखिम में डाल दी, हम उनके इस आभार के ऋणी हैं हम उन्हें सुरक्षित लाने के अपने प्रयास जारी रखेंगे।
अफगानिस्तान के लगभग 300 नाबालिग बच्चे कतर, जर्मनी समेत अन्य देशों में रह रहे हैं। यूनिसेफ की माने तो पिछले महीने 300 नाबालिग बच्चों को क़तर और जर्मनी समेत कई अन्य देशों में शरणार्थी बनाकर लाया गया है।
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने नाबालिगों की पहचान करते हुए जल्दी ही उन्हें उनके परिवारों से मिलाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा मैं केवल कल्पना कर सकता हूं कि यह बच्चे अपने परिवारों के बिना अचानक खुद को खोजने के लिए कितने भयभीत होंगे।