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अफगानिस्तान बना पत्रकारों के लिए जहन्नम, 60% मीडियाकर्मियों की नौकरी गई

अफगानिस्तान बना पत्रकारों के लिए जहन्नम, 60% मीडियाकर्मियों की नौकरी गई तालिबान की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी के साथ ही इस देश में जारी संकट और गहरा गया है।

अफगानिस्तान मीडिया कर्मियों के लिए बेहद खतरनाक स्थान साबित हो रहा है। तालिबान के शासन में आने के बाद से अब तक 60% मीडिया कर्मियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। वहीं 43% मीडिया आउटलेट बंद हो चुके हैं। इस संबंध में बयान देते हुए इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि हम देश के हितों की रक्षा के लिए निर्धारित ढांचे के भीतर मीडिया के लिए स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) और अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने एक संयुक्त बयान में दावा किया गया है कि 15 अगस्त के बाद से लेकर अब तक अफगानिस्तान में 231 मीडिया आउटलेट्स बंद हो गए हैं तथा 6400 से अधिक पत्रकार अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार 43%आउटलेट बंद हो चुके हैं। अर्थात हर 10 में से 4 मीडिया आउटलेट बंद हो चुके हैं, वहीं 60% पत्रकारों को अपने नौकरी गंवानी पड़ी है। अफगानिस्तान में कार्यरत 543 मीडिया आउटलेट्स में से आज सिर्फ 312 ही काम कर रहे हैं। अर्थात 4 3% मीडिया आउटलेट्स बंद हो चुके हैं।

आरएसएफ की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले तक विभिन्न मीडिया आउटलेट्स में 10790 मीडिया कर्मी काम कर रहे थे जिनमें 8290 पुरुष और 2490 महिला कर्मचारी शामिल थे। अफ़गानिस्तान तालिबान के क़ब्ज़े के 4 महीने के बाद अफगानिस्तान में केवल 4360 मीडिया कर्मी काम कर रहे हैं। इनमें से 3950 पुरुष हैं और 410 महिलाएं। अर्थात हर 10 में से केवल 4 मीडियाकर्मी ही आज काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पत्रकारों को कुछ भी पब्लिश करने से पहले तालिबान के संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती है।

इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस संबंध में कहा है कि हम देश हितों की रक्षा के लिए निर्धारित ढांचे के अंदर ही मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। शरीयत और इस्लाम का सम्मान किया जाना चाहिए। हम उन मीडिया आउटलेट्स की मदद करना चाहते हैं जो आज काम कर रहे हैं तथा ने लोगों की भी सहायता करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई मीडिया कर्मी और प्रबंधक देश छोड़कर भाग गए हैं।

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