स्वीडन, नॉर्वे और फिनलैंड में युद्ध का अलर्ट
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बाद, तीन नॉर्डिक देशों ने युद्ध का अलर्ट जारी कर दिया है। नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क की सरकारों ने अपने नागरिकों को जरूरी सामान जमा करने और अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, इन देशों की सीमाएँ रूस और यूक्रेन से लगती हैं। यदि यूक्रेन पर परमाणु हमला होता है, तो ये देश भी प्रभावित हो सकते हैं। नॉर्वे ने अपने नागरिकों को युद्ध की चेतावनी देने वाले पर्चे वितरित किए हैं।
गौरतलब है कि नॉर्डिक देशों में वे देश शामिल होते हैं जो उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में स्थित हैं। स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क की भाषाओं में ‘नॉर्डन’ का मतलब ‘उत्तर’ होता है। स्वीडन ने भी अपने 52 लाख से अधिक नागरिकों को पर्चे भेजे हैं, जिनमें निर्देश दिया गया है कि परमाणु युद्ध के दौरान विकिरण से बचाव के लिए आयोडीन की गोलियाँ रखें।
तनाव के बीच अमेरिका ने कीव में अपना दूतावास बंद किया
अमेरिका ने बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया है। इसके अलावा, इटली, ग्रीस और स्पेन ने भी कीव में अपने दूतावास एक दिन के लिए बंद रखने का फैसला किया है।
अमेरिकी दूतावास ने कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी
अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्देश दिया है। साथ ही, यूक्रेन में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाइडन प्रशासन ने तीन दिन पहले यूक्रेन को रूस में लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
पावर बैकअप बनाए रखने के निर्देश
फिनलैंड की रूस के साथ 1,340 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा है। फिनलैंड की सरकार ने युद्ध की स्थिति में आम जनता की मदद के लिए एक नई वेबसाइट लॉन्च की है। फिनलैंड ने एक ऑनलाइन संदेश में पूछा है कि यदि देश पर हमला होता है तो सरकार क्या करेगी। इसके अलावा, फिनलैंड ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे युद्ध के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने से निपटने के लिए बैकअप पावर की व्यवस्था बनाए रखें। लोगों से यह भी कहा गया है कि वे ऐसी खाद्य सामग्री रखें जो कम ऊर्जा में पक सके। फिनलैंड ने 2023 में नाटो की सदस्यता ली थी।
स्वीडन ने नागरिकों को जारी किया निर्देश-पत्र
नाटो के सबसे नए सदस्य स्वीडन की रूस के साथ सीमा नहीं है, इसके बावजूद उसने युद्ध की स्थिति में अपने नागरिकों के लिए एक गाइडबुक ‘इन केस ऑफ क्राइसिस ऑफ वॉर’ जारी की है। इसमें कहा गया है कि युद्ध और आपात स्थिति से निपटने के लिए 72 घंटे तक के लिए भोजन और पीने का पानी संग्रहित करना चाहिए। स्वीडन ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे आलू, गोभी, गाजर और अंडों का पर्याप्त भंडारण करें।
यूक्रेन ने पहली बार रूस पर अमेरिकी मिसाइल दागी
रूस ने मंगलवार को दावा किया कि यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका से प्राप्त लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें उसकी जमीन पर दागी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रायंस्क क्षेत्र में आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) के छह मिसाइल दागे। रूस ने कहा कि उसने इनमें से पाँच मिसाइलों को मार गिराया। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों ने भी रूस पर ATACMS मिसाइलों के इस्तेमाल की पुष्टि की है।
अमेरिका यूक्रेन को लैंडमाइन देगा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस देने पर सहमति व्यक्त की है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि ये बारूदी सुरंगें जल्द ही यूक्रेन को सौंपी जाएंगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि अमेरिका ने यूक्रेन से कहा है कि इन सुरंगों का इस्तेमाल केवल यूक्रेन की सीमा के भीतर किया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए अमेरिका ने यह हथियार यूक्रेन को देने का फैसला किया है।
अमेरिका युद्ध को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है: रूस
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन सरकार यूक्रेन की मदद के लिए नए फैसले ले रही है। सोमवार को बाइडन ने यूक्रेन को रूस पर ATACMS मिसाइलों से हमला करने का अधिकार दिया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हाल ही में लिए गए कुछ फैसलों को देखें तो यह साफ नजर आता है कि अमेरिका युद्ध को लंबा खींचने के लिए कुछ भी कर सकता है।