अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर, कमला हैरिस को देंगे समर्थन
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। चुनाव से 4 महीने पहले रविवार को उन्होंने चिट्ठी लिखकर इस बात का ऐलान किया। बाइडेन ने कहा, “मैं देश और पार्टी हित के लिए चुनाव से बाहर हो रहा हूं।” बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया।
रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर से बाइडेन पर जबरदस्त दबाव था। लेकिन यह घटनाक्रम ट्रम्प को भी परेशान करेगा। वो अब अपने अभियान को फिर से व्यवस्थित करने के लिए मजबूर हैं। अभी तक उनका पूरा अभियान पूरी तरह से उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन पर केंद्रित था। हालांकि अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में ट्रम्प की टीम ने कहा है कि कमला हैरिस के आने पर डेमोक्रेट्स की स्थिति और भी खराब होने वाली है।
भारतवंशी कमला ने भी बाइडेन के समर्थन को स्वीकार करते हुए कहा है कि वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी जीतने के लिए तैयार हैं। दरअसल, अमेरिका में 28 जून को हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता यह मांग कर रहे थे कि वे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी छोड़ दें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी जल्द ही उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। उधर, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन कभी भी राष्ट्रपति पद के लायक नहीं थे। वे धोखेबाज हैं और सिर्फ फेक न्यूज की वजह से प्रेसिडेंट बनें। ट्रम्प ने ये भी कहा कि कमला को हराना और आसान होगा।
कमला हैरिस को हराना और आसान होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी जल्द ही उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। उधर, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन कभी भी राष्ट्रपति पद के लायक नहीं थे। वे धोखेबाज हैं और सिर्फ फेक न्यूज की वजह से प्रेसिडेंट बनें। ट्रम्प ने ये भी कहा कि कमला को हराना और आसान होगा।
कमला हैरिस की टीम ने 5 घंटे में 230 करोड़ जुटाए
डेमोक्रेटिक पार्टी से अभी तक किसी ने कमला के खिलाफ अपना नाम आगे नहीं किया है। कमला ने साफ किया है कि अगर कोई उन्हें चुनौती देता है तो वे उसे स्वीकार करेंगी। कोई डेमोक्रेट कमला को चुनौती देना चाहता है तो उसे 600 प्रतिनिधियों के समर्थन की जरूरत होगी। इसके अलावा अगस्त में होने वाले पार्टी कन्वेंशन में बहुमत समर्थन जुटाना होगा।
यह मुमकिन है कि अधिकांश डेमोक्रेट राष्ट्रपति की सिफारिश का अनुसरण करेंगे और डेमोक्रेटिक सम्मेलन के एक महीने से भी कम समय में चल रही अनिश्चितता से बचने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को मौका दे देंगे। ऐसा करने के व्यावहारिक और राजनीतिक कारण हैं। वह उत्तराधिकार की संवैधानिक लाइन में पहले स्थान पर तो हैं ही। राष्ट्रपति पद के टिकट पर पहली अश्वेत महिला को नजरन्दाज करना पार्टी के लिए बेहतर नहीं होगा। चुनाव अभियान द्वारा अब तक जुटाई गई लगभग 100 मिलियन डॉलर के फंड तक कमला की तुरंत पहुंच हो जाएगी।