हिन्दुओं की शक्ति किसी को भयभीत करने के लिए नहीं: मिलिंद परांडे

हिन्दुओं की शक्ति किसी को भयभीत करने के लिए नहीं: मिलिंद परांडे

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस को विश्व भर में हिन्दू शक्ति के जागरण का प्रमाण बताते हुए कहा है कि हिन्दुओं की शक्ति किसी को भयभीत करने के लिए नहीं है बल्कि यह विश्व भर में मानवता के कल्याण के लिए है।

विहिप महामंत्री ने कहा कि यहां जिस वृद्धि, शक्ति, यश, विजय की बात की गयी है और उद्घाटन सत्र में भी जो कहा गया। उस बारे में वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी शक्ति किसी के विरोध में या किसी को पराजित करने के लिए नहीं है। यह सबके कल्याण के लिए है। अत: हिन्दू शक्ति से किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। लेकिन इसके साथ ही यह शक्ति इतनी बड़ी अवश्य होगी कि कोई हम पर टेड़ी नज़र नहीं डाल पाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति ऐसी होगी कि विश्व में जो भी कमजोर होगा, वह अपनी रक्षा एवं कल्याण के लिए हमारे पास आएगा। उन्होंने कहा कि हमारा विचार ‘सक्षम का अस्तित्व रक्षण’ यानी (सरवाइवल ऑफ दि फिटेस्ट) का नहीं है क्योंकि यह जंगल या प्रकृति का नियम हो सकता है। लेकिन हमारा विचार ‘दुर्बल का अस्तित्व रक्षण’ यानी (सरवाइवल ऑफ दि वीकेस्ट) का है जो हमारी संस्कृति है।

श्री परांडे ने कहा कि 61 देशाें की प्रमुख हिन्दू शख़्सियतों ने अलग अलग विषयों पर संगठित हो कर सोचने और विश्व कल्याण की रूपरेखा बनाने के बारे में चर्चा की। सनातन का यश, ऐश्वर्य, वैभव कैसे बढ़े और इसके माध्यम से मानवता का कैसे कल्याण हो, इस उद्देश्य से यह हिन्दू चिंतन किया गया है। अलग अलग ढंग से कार्य करने वाले हिन्दू व्यक्ति और संगठन, एक हो कर संपूर्ण हिन्दू समाज के उत्थान के लिए समन्वित प्रयत्न किस प्रकार से करें, वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस इसी का मंच है।

श्री परांडे ने कहा, “हम विकृति की दिशा में नहीं, संस्कृति और सद्कृति के मार्ग पर जा रहे हैं। वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस उसी का चिंतन और विज़न है।” तीसरी वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस यहां 24 से 26 नवंबर के दौरान आयोजित की गयी और विश्व के 61 देशों के करीब 2200 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। सम्मेलन में अर्थव्यवस्था, शिक्षा, अकादमिक, मीडिया और राजनीतिक क्षेत्र तथा युवा और महिला सहित सात वर्गों पर फोकस के साथ करीब 50 सत्र समानांतर ढंग से आयोजित किये गये।

राजनीतिक फोरम के विभिन्न सत्रों में भाग लेने के लिए करीब 30 देशों के 50 से अधिक प्रतिनिधि तथा हिन्दू इकाॅनोमिक फोरम के सत्रों में 650 से अधिक प्रतिनिधियों भाग लिया तथा स्टार्टअप्स के लिए निवेश परामर्श भी आयोजित किये गये जिनमें तीन प्रस्ताव तुरंत ही स्वीकृत हो गये। इकाॅनोमिक फोरम के सत्र में कृषि, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा हुई और मीडिया फोरम में डिजिटल मीडिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा हुई।

राजनीतिक फोरम से जुड़े तमाम लोगों ने दुनिया भर में हिन्दू सांसदों एवं राजनीतिक नेताओं को लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने एवं एकजुट रह कर एक दूसरे के साथ निकट संपर्क में रहने तथा उनके देशों में राजनीतिक मजबूती के लिए एक दूसरे का सहयोग करने का भी आह्वान किया गया। राजनीतिक फोरम में खालिस्तानी आंदोलन, कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन और कुछ देशों में सैन्य तख्तापलट के मुद्दों पर भी चर्चा हुई है।

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