विपक्षी पार्टियों की मांग, मणिपुर पर संसद में पीएम बयान दें
नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर घटना पर हंगामा जारी है। इस घटना को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा हुआ है। विपक्ष ने 24 जुलाई को सुबह 10 बजे संसद के दोनों सदनों के फ्लोर लीडर्स की अहम बैठक बुलाई है। सोमवार सुबह 10.30 बजे विपक्षी दलों के गठबंधन के सदस्य संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री से बयान की मांग करेंगे।
मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के कारण गुरुवार और शुक्रवार को भी संसद की कार्यवाही प्रभावित रही। विपक्ष की मांग है कि मणिपुर के हालात पर लोकसभा और राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा हो। हालांकि सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराना चाहती है। इसके साथ ही सत्ता पक्ष के मुताबिक इस मामले पर गृहमंत्री ही सदन में जवाब देंगे। हालांकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन मामला नियमों पर अटका हुआ है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर 176 के तहत इस पर चर्चा होती है तो इस पर कम समय यानी करीब ढाई घंटे तक चर्चा होगी। बहस के बाद कोई वोटिंग नहीं होती और संबंधित मंत्री ही इसका जवाब देते हैं। वहीं, नियम 267 के तहत जब बहस होती है तो सदन का बाकी काम स्थगित कर दिया जाता है और सिर्फ एक मुद्दे पर बहस चलती रहती है। वहां चर्चा के बाद वोटिंग भी होती है।
सत्ता पक्ष के अनुसार मणिपुर मुद्दे पर केवल गृहमंत्री ही सदन में जवाब देंगे, जबकि विपक्ष की मांग है कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री खुद जवाब दें। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन मामला नियमों पर अटका हुआ है। मालूम हो कि गुरुवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें मणिपुर में नग्न अवस्था में दो महिलाओं की परेड कराई गई थी, जिसे लेकर पूरा देश क्रोधित है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है।