ईडी के खिलाफ विपक्षी दलों की चुनाव आयोग से अपील
भारत के विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और आम चुनाव से पहले जांच एजेंसियों का उपयोग करके विपक्षी नेताओं और निर्वाचित मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी और विपक्षी दलों को डराने, धमकाने और आवाज दबाने के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। विपक्ष ने ईडी पर लगाम लगाने की मांग की और कहा कि अगर आयोग किसी राज्य के डीजीपी को बदल सकता है तो वह ईडी को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकता?
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन और मोहम्मद नदीमुल हक, सीपीआईएम नेता सीता राम येचुरी, आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक, पंकज गुप्ता, एनसीपी नेता जितेंद्र वाधार, डीएमके नेता प्रतिनिधिमंडल में पी. विल्सन और समाजवादी पार्टी नेता जावेद अली ने विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ केंद्र सरकार की शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की शिकायत की।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि पूरा देश विपक्षी दलों को निशाना बनाने, दबाने और डराने-धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के अवैध इस्तेमाल को देख रहा है। सत्ता में मौजूद पार्टी द्वारा राज्य मशीनरी का इस तरह का अनियंत्रित दुरुपयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन के लिए सीधा खतरा है। विपक्षी नेताओं ने अपनी शिकायत में कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र की नींव पूरी तरह से नष्ट हो गई है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव खतरे में पड़ गया है।
विपक्षी नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि महज कुछ ही हफ्तों में, राज्यों की लोकतांत्रिक व्यवस्था नष्ट हो जायेगी। दो निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया जो वर्तमान सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।विपक्षी नेताओं ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की इन गिरफ्तारियों से इन राज्यों के लोकतांत्रिक कामकाज और इन पार्टियों पर भी स्पष्ट रूप से असर पड़ेगा। बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं और विपक्ष को हतोत्साहित किया जाना है।
विपक्षी नेताओं ने आयोग से कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मकसद मतदाताओं को यह संदेश देना है कि सत्तारूढ़ भाजपा वास्तविक विरोध को बर्दाश्त नहीं करती है। क्योंकि ये दोनों नेता समाज में हाशिये पर पड़े लोगों का समर्थन कर रहे लोगों के लिए आवाज़ उठा रहे थे।
विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने का मुद्दा भी उठाया। नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की एक अन्य एजेंसी इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस को निशाना बनाया। इनकम टैक्स ने 1994 का मामला पेश कर न केवल पार्टी के खाते फ्रीज कर दिये, बल्कि पार्टी को नुकसान पहुंचाने की मंशा से जबरन वसूली भी की, ताकि महत्वपूर्ण विपक्षी दलों को बिना रोक टोक लोकसभा चुनाव लड़ने से रोका जा सके। विपक्ष ने आगे कहा कि ये कार्रवाई राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर में बाधा डालने की केंद्र सरकार की स्पष्ट रणनीति है। पूरा देश इन घटनाओं पर नजर रख रहा है।