ईरान का सफल मिसाइल परीक्षण और अमेरिका, इजरायल की घबराहट
ईरान की कामयाबी पर जहां ईरानी जनता अपने वैज्ञानिकों की कामयाबी पर ख़ुशी से फूली नहीं समा रही है, वहीं दूसरी तरफ ईरान को अपना दुश्मन, और अपने अस्तित्व के लिए ख़तरा मानने वाले यूरोपीय देश, विशेष रूप से अमेरिका और इस्राईल को यह कामयाबी फूटी आँख नहीं समा रही है।
हालांकि ईरान के प्रति अमेरिका और इस्राईल की दुश्मनी किसी से ढकी छिपी नहीं है, लेकिन ईरान की इस कामयाब ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका और इस्राईल लगातार ईरान पर आरोप लगाते रहते है, और ईरान को पूरी दुनिया के लिए खतरा बताते हैं, लेकिन यह भी वास्तविकता है कि आज तक ऐसा कोई सबूत या तथ्य पेश नहीं कर सकें है, जिससे
यह प्रमाणित कर सके कि, ईरान का मिसाइल परीक्षण किसी भी देश के लिए खतरनाक है।
इसके विपरीत, वास्तविकता यह है कि यूरोपीय देशों को छोड़कर किसी भी देश ने खुले तौर पर ईरान की आलोचना नहीं की है। बल्कि कई देशों ने ईरान को अपना अच्छा दोस्त बताया है। जब बराक ओबामा प्रशासन के दौरान ईरान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, तो समझौते के तुरंत बाद भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान का दौरा किया था, इसके अलावा, जापान के तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वर्गीय शिंजो आबे और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी ईरान का दौरा किया था।
सवाल यह उठता है कि अमेरिका, इस्राइल और ब्रिटेन में इस समय इतनी दहशत का कारण क्या है? और वह ईरान की निंदा क्यों कर रहे है ? इसका सीधा सा जवाब है कि ईरान ने 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अपनी नवीनतम लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल 1500 किलोग्राम तक का हथियार ले जाने में भी सक्षम है।
ईरानी रक्षा मंत्री मोहम्मद रजा आश्तियानी ने कहा कि मिसाइल परीक्षण दोस्तों के लिए संदेश है कि हम क्षेत्र में स्थिरता के लिए कोई भी भूमिका निभाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के विरोध के बावजूद वह अपने रक्षात्मक मिसाइल कार्यक्रम को और विकसित करेंगे। ईरान के लंबी दूरी के मिसाइल परीक्षण की सफलता की संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने कड़ी निंदा की है।
अमेरिका ने कहा कि ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों का उत्पादन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के पास इस्राईल और अमेरिकी ठिकानों तक पहुंचने में सक्षम मिसाइलें हैं। इस्राईल के सशस्त्र बलों के प्रमुख द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नकेल कसने की धमकी के दो दिन बाद सफल यह मिसाइल परीक्षण हुआ था।
अल-मयादीन वेबसाइट ने बताया है कि इस्राईली मीडिया ने ईरानी मिसाइलों को इस्राईल और अमेरिका के लिए खतरा बताया है। यरुशलम पोस्ट ने लिखा है कि ईरान ने 1980 के दशक से अपनी मिसाइल तकनीक में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है और अपनी मिसाइलों की सीमा बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
विभिन्न प्रकार की मिसाइलों की एक विशेषता यह है कि वे सभी ईरान में बनी हैं। फिलहाल ईरान हर तरह की मिसाइल बनाने की क्षमता लगातार बढ़ा रहा है। ईरानी विशेषज्ञ सैट लाइट ले जाने वाली मिसाइलों और बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को विकसित करने में व्यस्त हैं। ईरानियों के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्प अमेरिका और इस्राईल के दिलों में घबराहट पैदा कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।