लेबनान सीमा में घुसपैठ कर रही इज़रायली सेना पर हिज़्बुल्लाह का भीषण हमला
हिज़्बुल्लाह और इज़रायली सैनिकों के बीच संघर्ष में लगातार तेजी आ रही है, और इसका मुख्य केंद्र लेबनान का दक्षिणी क्षेत्र बना हुआ है, खासकर सीमावर्ती इलाका मारून अल-रास के आस-पास। लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने इज़रायली सैनिकों द्वारा लेबनान की सीमा में घुसपैठ की कोशिशों का कड़ा जवाब दिया है। हिज़्बुल्लाह की ओर से दक्षिणी लेबनान में इज़रायली सैनिकों के ठिकानों और उनकी गतिविधियों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले किए गए हैं।
गुरुवार तड़के हिज़्बुल्लाह ने घोषणा की कि उन्होंने इज़रायली सैनिकों की दक्षिणी लेबनान में हो रही गतिविधियों को छह बार मिसाइल हमलों से निशाना बनाया। इसके अलावा, हिज़्बुल्लाह ने बताया कि उन्होंने बुधवार के चौबीस घंटे के भीतर इज़रायली ठिकानों के खिलाफ कुल 36 सैन्य अभियान चलाए। यह बढ़ते हमले इस क्षेत्र में तनाव और हिंसा में तेजी की ओर इशारा करते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
इस घटना से पहले भी हिज़्बुल्लाह और इज़रायली सेना के बीच कई मौकों पर टकराव हुआ है, लेकिन इस बार हिज़्बुल्लाह के हमलों में तीव्रता देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इज़रायल और लेबनान के बीच यह सीमा क्षेत्र हमेशा से ही संवेदनशील रहा है, और यहां बार-बार संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती है। इज़रायल के सैनिक अक्सर यहां निगरानी और गश्त के लिए आते रहते हैं, जिससे हिज़्बुल्लाह और इज़रायली सेना के बीच तनाव का माहौल बना रहता है।
इसके अलावा, हिज़्बुल्लाह के समर्थन में स्थानीय जनता का भारी समर्थन देखा गया है। लेबनान में हिज़्बुल्लाह को एक मजबूत प्रतिरोध शक्ति माना जाता है जो इज़रायल के खिलाफ अपने सशक्त अभियान के लिए प्रसिद्ध है। हिज़्बुल्लाह ने भी अपने समर्थकों से अपील की है कि वे इस संघर्ष में धैर्य बनाए रखें और संगठन के प्रति समर्थन जारी रखें।
इस संघर्ष के बढ़ने से क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि लेबनान और इज़रायल के बीच संघर्ष का प्रभाव अन्य पड़ोसी देशों तक भी पहुंच सकता है। मध्य-पूर्व के पहले से ही अस्थिर हालात में यह नया संघर्ष एक बड़े संकट को जन्म दे सकता है। फ़िलहाल लेबनान की जनता इज़रायल के भीषण हवाई हमले और बमबारी के बावजूद हिज़्बुल्लाह के साथ पूरी मज़बूती के साथ खड़ी है। वहां की जनता का समर्थन ही हिज़्बुल्लाह की सबसे बड़ी ताक़त है।