महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस ने बताया बड़ा ‘चुनावी जुमला ‘

महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस ने बताया बड़ा ‘चुनावी जुमला ‘

महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। इसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। इसका मसौदा सामने आते ही कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की है। पार्टी का कहना है, ”यह बिल सबसे बड़े चुनावी जुमलों में से एक है। यह लाखों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।

दरअसल, कांग्रेस महासचिव जय राम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, ‘चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सबसे बड़ा जुमला है। करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों को धोखा दिया गया है। जयराम रमेश ने सरकार का मजाक उड़ाते हुए कहा, ”जैसा कि हमने पहले कहा, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की जनगणना नहीं की है। जिससे भारत जी-20 में एकमात्र ऐसा देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है।

अपनी बात को जारी रखते हुए राज्यसभा सदस्य जय राम रमेश कहते हैं, ”यह (बिल) कहता है कि महिलाओं के लिए आरक्षण महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियमित होने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही लागू होगा।” यह जनगणना कब होगी? कांग्रेस नेता कहते हैं कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा।

क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया? जयराम रमेश का कहना है कि मुख्य रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बेहद अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। यह इवेंट मैनेजमेंट के अलावा और कुछ नहीं है। हालांकि कांग्रेस ने इस बिल का खुलकर समर्थन किया है। सोनिया गाँधी ने इसे स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का सपना बताया है। बता दें कि यह बिल मनमोहन सिंह के समय कांग्रेस लेकर आई थी लेकिन यह बिल लोकसभा से पारित नहीं हो पाया था।

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