महाराष्ट्र चुनाव अभियान में बीजेपी ने हिंदुत्व के मुद्दों को प्रमुखता दी
महाराष्ट्र के आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने प्रचार अभियान में हिंदुत्व और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी है। पार्टी के नारों में “कटेंगे तो बटेंगे” और “एक हैं तो सुरक्षित हैं” जैसे संदेश शामिल हैं, जिनका उद्देश्य समुदाय में एकता और सुरक्षा की भावना को बढ़ाना है। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून का वादा किया है, जो पार्टी के हिंदुत्व एजेंडे का हिस्सा माना जा रहा है।
हालांकि, बीजेपी के सहयोगी दल एनसीपी ने इस पर असहमति व्यक्त की है। पार्टी ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कहा है कि कांग्रेस के शासन में किसानों की जमीनें वक्फ बोर्ड के अधीन हो सकती हैं। बीजेपी का दावा है कि इस बयान से किसानों में सुरक्षा की भावना को लेकर जागरूकता उत्पन्न होगी।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें विशेष दर्जे की बहाली की मांग की गई थी। इसके बाद, बीजेपी ने इस मुद्दे को महाराष्ट्र चुनावों में उठाया और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अनुच्छेद 370 का मुद्दा फिर से सामने लाया। बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रविरोधी शक्तियों के साथ खड़ी है और रजाकारों के इतिहास से उसकी तुलना की।
रजाकार, जो हैदराबाद राज्य में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंसा के लिए जाने जाते थे, का नाम लेकर बीजेपी ने इस मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है ताकि कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से घेरा जा सके। इसी क्रम में मंगलवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो आमतौर पर इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं करते, एआईएमआईएम को निशाने पर लेते नजर आए।
फडणवीस ने औरंगजेब का नाम लेकर एआईएमआईएम को “पाकिस्तान समर्थक” कहकर उकसाया और महाराष्ट्र में हिंदुत्व की भावना को उभारने का प्रयास किया। इस बयान के साथ उन्होंने पाकिस्तान को लेकर एक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि अगर जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान पर भी कब्जा कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र चुनावों में बीजेपी ने कई धार्मिक मुद्दों को उठाते हुए अपने चुनाव अभियान में हिंदुत्व की लहर पैदा करने की कोशिश की है।