कुमार विश्वास के काफिले पर हमले के आरोप शुरुआती जांच में साबित नहीं: पुलिस

कुमार विश्वास के काफिले पर हमले के आरोप शुरुआती जांच में साबित नहीं: पुलिस

अपने काफिले में शामिल सुरक्षाकर्मियों पर हमला मामले में कवि कुमार विश्‍वास को झटका लगा है। गाजियाबाद पुलिस का दो टूक कहना है कि इस घटना की प्रारंभिक जांच में आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। हालां‍कि थाना इंदिरापुरम पुलिस की जांच अभी चल रही है। कुमार विश्‍वास ने बुधवार को ट्वीट कर बताया था कि अलीगढ़ जाते समय उनके काफिले पर किसी कार सवार ने हमला कर दिया। उसने काफिले में चल रही सुरक्षाकर्मियों की कार को टक्‍कर मारी।

एक सोशल मीडिया पोस्ट में, 53 वर्षीय कवि ने दावा किया कि अलीगढ़ जा रहे उनके काफिले पर हिंडन पुल के पास हमला किया गया था। उन्होंने कहा कि अज्ञात कार चालक ने उनके सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहन को जानबूझकर दोनों तरफ से टक्कर मारकर निशाना बनाने का प्रयास किया। विश्वास ने कहा, “जब उस व्यक्ति को रोका गया, तो उसने न केवल यूपी पुलिस कांस्टेबल बल्कि केंद्रीय बलों के सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया।” उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पुलिस को दी गई।

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें गाजियाबाद में हिंडन नदी पुल के पास कुमार विश्वास के साथ तैनात सुरक्षाकर्मी भी नजर आ रहे हैं। वो एक व्यक्ति के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं। इस व्‍यक्ति की पहचान डॉ. पल्लव बाजपेयी के रूप में हुई है। पुलिस को दिए बयान में डॉ. पल्लव ने बताया है कि उनकी कार को एक सुरक्षाकर्मियों की कार ने ओवरटेक किया था। उसके बाद पीछे चल रही दूसरी कार ने उनको ओवरटेक करने का प्रयास किया। कार रोककर जब उन्होंने बात की तो सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मारपीट की।

सहायक पुलिस आयुक्त (इंदिरापुरम) स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, “हमें कुमार विश्वास से ऑनलाइन और टेलीफोन कॉल के जरिए इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत मिली।” पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ ही समय बाद, डॉ. पल्लव वाजपेयी नामक शख्स ने इंदिरापुरम पुलिस से संपर्क किया और आरोप लगाया कि उनके वाहन को टक्कर मार दी गई और कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर हमला किया।

एसीपी ने कहा, “हम दोनों शिकायतों पर गौर कर रहे हैं और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। इस जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, गाजियाबाद पुलिस ने बाद में कहा कि वे प्रारंभिक जांच के दौरान विश्वास द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता स्थापित कर सकते हैं।

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