हलद्वानी दंगे के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार: जमीयत उलमा-ए-हिंद

हलद्वानी दंगे के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार: जमीयत उलमा-ए-हिंद

उत्तराखंड: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष की पांच सदस्यीय ‘फैक्ट चेक’ टीम ने हलद्वानी दंगा क्षेत्र का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि स्थानीय प्रशासन ने 14 फरवरी को कोर्ट का फैसला आने तक तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन दिया था, फिर भी मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलवाकर लोगों को विरोध करने पर मजबूर किया गया। जमीयत उलमा के एक प्रतिनिधिमंडल 2 फरवरी को दंगा क्षेत्र में जाने की इजाजत दी गई। प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय समुदाय के अधिकारियों से मुलाकात की और ब्यौरा प्राप्त किया।

प्रतिनिधि मंडल को हलद्वानी जमीयत उलमा के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद ने बताया कि 29 जनवरी को नगर निगम की ओर से एक नोटिस जारी किया गया था, जिससे स्थानीय लोगों में काफी चिंता थी,और माहौल अशांत था। स्थानीय जमीयत को साथ लेकर प्रशासन के पदाधिकारियों से बात की गई। बैठक में आश्वासन दिया गया था कि 14 फरवरी को कोर्ट का फैसला आने तक मस्जिद और मदरसा को सील रखा जाएगा और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

लेकिन इसी बीच 8 फरवरी को अचानक स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बिना भारी पुलिस बल के साथ मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से जनता का विरोध शुरू हो गया और फिर मामला बेकाबू होता देख प्रशासन ने बेलगाम बल प्रयोग किया। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के मुसलमानों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 6 मुस्लिम युवकों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।

प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि अगर पुलिस बल ने स्थानीय लोगों को विश्वास में लिया होता तो यह स्थिति नहीं होती, लेकिन प्रशासन ने आनन-फानन में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और इसके बाद दंगे की सारी जिम्मेदारी स्थानीय लोगों पर डालते हुए उनकी गिरफ्तारी भी शुरू कर दी गई। इस सिलसिले में अब तक 100 से ज्यादा निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, मनमाने ढंग से की जा रही गिरफ्तारियों से से डरकर लोगों ने वहां से पलायन करना शुरू कर दिया है। इसलिए यह स्थिति चिंताजनक है। स्थानीय लोगों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि 10 फरवरी को प्रशासन ने अचानक घरों में घुसकर युवकों को उठा लिया, जिससे माहौल में एक बार फिर तनाव पैदा हो गया।

सेंट्रल जमात के प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय जमात के एसडीएम प्रितोष वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और पुलिस अधीक्षक नीरज भाकुनी से मुलाकात की और उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी और स्थिति को तत्काल नियंत्रण में लाने और निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी को रोकने की मांग की। (स्रोत इंक़लाब उर्दू न्यूज़ पेपर)

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