भाजपा ने कमलनाथ सरकार गिराने वाले कई सिंधिया समर्थकों को नहीं दिया टिकट
मध्य प्रदेश की राजनीति में साल 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों ने पाला बदलकर भूचाल ला दिया था। इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, जजपाल सिंह जज्जी, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदोरिया, रणवीर सिंह जाटव, गिरिराज दंडोतिया, जसवंत सिंह जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, हरदीप सिंह डंक, मुन्ना लाल गोयल, बृजेंद्र यादव, मोहन सिंह राठौड़, बिसौलाल साहू, एदल कंसाना और मनोज चौधरी शामिल थे।
कमलनाथ सरकार को धूल चटाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई नेताओं को इस बार बीजेपी ने मायूस कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय समीकरण और जीत की प्रत्याशा कम होने की वजह से सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों के टिकट काट दिए। हालांकि कारण कुछ और गिनाया जा रहा है।
सिंधिया समर्थक मंत्री ओपीएस भदोरिया को इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। उनके अलावा गिरिराज दंडोतिया को भी चुनाव हारने के बाद इस बार टिकट नहीं मिला है। ग्वालियर से दावेदारी कर रहे मुन्नालाल गोयल को भी मायूसी हाथ लगी है जबकि रणबीर सिंह जाटव और जसवंत सिंह जाटव को भी टिकट नहीं मिल पाया है।
उपचुनाव में हार चुके नेताओं के टिकट पहले ही पार्टी ने काटने का मन बना लिया था। इसके बाद कुछ और नेताओं के टिकट परफॉर्मेंस के आधार पर काट दिए गए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक सभी की सहमति से जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। उन्होंने अभी कहा कि ऐसा नहीं है कि सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए नेताओं को इस बार टिकट नहीं मिले हैं। उन्हें बड़ी संख्या में टिकट दिए गए हैं।
वहीं सिंधिया समर्थक प्रद्युमन सिंह तोमर को पार्टी ने ग्वालियर से टिकट दिया है, जबकि रघुराज सिंह कंसाना को मुरैना, कमलेश जाटव को अंबार, जजपाल सिंह जज्जी को अशोकनगर से मैदान में उतारा है। उपचुनाव हार चुकी इमरती देवी को डबरा से फिर मौका मिला है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रभु राम चौधरी को सांची से, इंदौर जिले के सांवेर से तुलसीराम सिलावट और पोहरी से सुरेश धाकड़ को टिकट दिया गया है।