क्या सऊदी अरब भी देगा इस्राईल को मान्यता ? रखी शर्तें
पिछले सालों में कुछ मुस्लिम देश इस्राईल के साथ अपने संबंध को सामान्य बना रहे हैं जबकि इस्राईल एक मुस्लिम देश फिलिस्तीन की क़ब्ज़ा की हुई ज़मीन पर बसा है अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ बातचीत में सऊदी क्राउन प्रिंस ने इस्राईल के साथ संबंधों को समान्य बनाने के मुद्दे पर चर्चा की।
पिछले महीने 27 सितम्बर को निओम शहर में सुलिवन ने बिन सलमान के सामने इस्राईल के साथ सामान्य संबंध का मुद्दा उठाया तो बिन सलमान ने इस ख़ारिज न करते हुए संबंध सामान्य बनाने के लिए अपनी कुछ शर्तें रखी है
अमरीकी की न्यूज़ वेबसाइट एक्सियस के अनुसार अगर सऊदी अरब इस्राईल के साथ संबंधो को सामान्य बनाने वाला समझौता करता है, तो वह ऐसा करने वाला इस क्षेत्र का सबसे बड़ा खिलाड़ी होगा, जिसका असर अन्य क्षेत्रीय और मुस्लिम देशों पर भी पड़ेगा।
इस्राईल के साथ संबंध को सामान्य बनाने पर सऊदी अधिकारियों ने इस बात का ज़िक्र किया कि उन्होंने इस संबंध को सामान्य बनाने से पहले कुछ ज़रूरी क़दमों की सूची अमरीकी राष्ट्रीय सलाहकार को सौंप दी है।
ग़ौरतलब है कि अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव के बाद यूएई, बहरीन और सूडान ने इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
बताया जा रहा है कि इस्राईल से संबंध को सामान्य करने के लिए बिन सलमान ने जिस शर्तों को लगाया है उसमे ये शर्त भी है कि बाइडन के सत्ता संभालने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जो खटास आई है, उसे दूर किया जाए।